लखनऊवर्ष 2018 में 1953 पदों पर भर्ती के लिए आयोजित की गई ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी और समाज कल्याण पर्यवेक्षक की प्रतियोगातात्मक परीक्षा को शासन ने बुधवार देर शाम निरस्त कर दिया है। दिसम्बर 2018 में हुई इस परीक्षा के परिणाम अगस्त 2019 को जारी किए गए थे। जारी हुए परिणामों में धांधली पाए जाने पर उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने पूरे प्रकरण की जानकारी शासन को दी थी, फिर शासन की ओर से मामले की जांच के लिए एसआईटी को आदेशित किया गया था। एसआईटी की रिपोर्ट आने के बाद आयोग ने परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला लिया है। जानिए! कब क्या हुआआपको बताते चलें कि आयोग ने ग्राम पंचायत अधिकारी के लिए 1527 भर्तियां, ग्राम विकास अधिकारी के लिए 362 भर्तियां और पर्यवेक्षक के लिए 64 भर्तियां निकाली थीं। कुल 1953 खाली पदों पर भर्ती के लिए जून 2018 में विज्ञापन निकाला गया, जिसके बाद ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 30 मई 2018 से शुरू की गई। तय की गई अंतिम तारीख 29 जून 2018 तक 9 लाख अभ्यार्थियों ने आवेदन किया और 22 और 23 दिसंबर 2018 को विभिन्न पदों के लिए परीक्षा दी। अगस्त 2019 में परीक्षा के परिणाम आने के बाद भर्ती में कई वर्कर की गड़बड़ियां पाई गईं, जिसके चलते आयोग ने इसकी जानकारी शासन को दी। शासन ने 20 मार्च 2020 को एसआईटी गठित करते हुए जांच के आदेश दिए और इसी आधार पर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने भर्ती संबंधी सभी कार्यवाही 20 जून 2020 से रोक दी। अब एसआईटी की रिपोर्ट में गड़बड़ियों की पुष्टि होने के बाद परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया है। आयोग ने 136 अभ्यार्थियों के खिलाफ दर्ज कराई थी एफआईआरतीनों प्रतियोगात्मक परीक्षाएं 16 जिलों के 572 परीक्षा केंद्रों में संपन्न सम्पन्न कराई गई थी। आयोग को जांच के दौरान ओएमआर शीट में बहुत अधिक गड़बड़ी मिली। जानकारी से पता चला कि 136 अभ्यर्थियों की मूल ओएमआर शीट और कोषागार में सुरक्षित रखी गई ओएमआर शीट की प्रति में अंकों की भिन्नता पाई गई थी। इस पर आयोग ने परीक्षा देने वाले 136 अभ्यर्थियों को परीक्षा से बाहर का रास्ता दिखाते हुए उनके लिए आगामी तीन वर्षों तक आयोग की किसी भी परीक्षा में शामिल होने पर रोक लगा दी थी। इतना ही नहीं, आयोग के तत्कालीन अनुसचिव की ओर से वर्ष 2019 में लखनऊ के विभूतिखंड थाने में सभी 136 अभ्यर्थियों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई गई थी। पूरा मामला शासन की जानकारी में पहुंचते ही शासन ने इसकी जांच एसआइटी के हवाले कर दी थी। एसआइटी की जांच में गड़बड़ियां मिलने के कारण परीक्षा रद करने का निर्णय लिया गया है।2,118 पदों पर होने वाली तीन अन्य परीक्षाओं को अगले आदेश तक किया स्थगितउत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने पिछली तीन परीक्षाओं के परिणामों में गड़बड़ी मिलने के बाद एसआईटी की जांच के आधार परीक्षाएं रद्द करने का फैसला लिया। वहीं, भविष्य में होने वाली तीन अन्य भर्ती परीक्षाओं को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है। वन्य जीव रक्षक के लिए खाली 728 पदों पर भर्ती के लिए आगामी चार अप्रैल से होने वाली परीक्षा अगले आदेशों तक के लिए स्थगित कर दी गई है। वहीं, सहायक बोरिंग टेक्नीशियन के लिए खाली 486 पद के लिए 25 अप्रैल को होने वाली प्रतियोगितात्मक परीक्षा और सहायक सांख्यिकीय अधिकारी एवं सहायक शोध अधिकारी के 904 पदों पर भर्ती के लिए 8 मई को होने वाली प्रतियोगात्मक परीक्षा अगले आदेशों तक स्थगित कर दी गई है।
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