वह दिन दूर नहीं जब पर्यटक क्रूज से गंगा में काशी से प्रयागराज तक रोमांचकारी सफर का लुत्फ उठाएंगे। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की ओर से इसके लिए खाका खींचा जा रहा है। काशी से मिर्जापुर-चुनार तो रहेगा ही, साथ में प्रयागराज संगम तक क्रूज की सवारी पर्यटक करेंगे। क्रूज का संचालन कर गंगा में पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। वहीं इस रोमांचकारी सफर को अयोध्या तक बढ़ाने की तैयारी भी चल रही है।मुख्यालय स्तर के पर्यटन अधिकारियों ने कुछ दिनों पूर्व काशी से संगम व अयोध्या तक का सर्वे भी किया है। विस्तृत रिपोर्ट में यह दर्शाया गया है कि क्रूज का संचालन काशी से संगम तक किया जाए और आगे चलकर इसे अयोध्या भी जोड़ा जाए। चूंकि धार्मिक पर्यटन का सबसे बड़ा केंद्र काशी, संगम, अयोध्या है। जब श्रीराम मंदिर निर्माण कार्य पूरा होगा तो देशभर के पर्यटकों की आवाजाही कई गुना तक बढ़ेगी। पर्यटन अधिकारियों के अनुसार गोवा शिपिंग यार्ड से दस करोड़ की लागत से बनकर आए दो मंजिला क्रूज को भी चलाया जा सकता है, साथ ही पहले से गंगा में खिड़कियां घाट से रविदास घाट तक चल रही अलकनंदा क्रूज के सेवा में भी विस्तार दिया सकता है। रो-रो फेरी सर्विस भी गंगा में चल रही है। घरेलू पर्यटन को बढ़ावा
पर्यटकों की आवाजाही बढ़ने के दौरान क्रूज की संख्या भी बढ़ेगी। कोरोनाकाल में सिर्फ घरेलू पर्यटकों की आवाजाही रह गई है। अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की आवाजाही एक साल से बंद चल रही है। पिछले माह काशी पहुंची बांग्लादेश की तकनीकी टीम ने भी जल परिवहन को बढ़ावा देने के लिए हल्दिया-वाराणसी जलमार्ग-1 को प्रयागराज तक जोड़ने पर स्थानीय जल परिवहन अधिकारियों संग मंथन किया था। उत्तर पर्यटन विभाग के संयुक्त निदेशक अविनाश चंद्र मिश्रा ने बताया कि घरेलू पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है।
वह दिन दूर नहीं जब पर्यटक क्रूज से गंगा में काशी से प्रयागराज तक रोमांचकारी सफर का लुत्फ उठाएंगे। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की ओर से इसके लिए खाका खींचा जा रहा है। काशी से मिर्जापुर-चुनार तो रहेगा ही, साथ में प्रयागराज संगम तक क्रूज की सवारी पर्यटक करेंगे। क्रूज का संचालन कर गंगा में पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। वहीं इस रोमांचकारी सफर को अयोध्या तक बढ़ाने की तैयारी भी चल रही है।
मुख्यालय स्तर के पर्यटन अधिकारियों ने कुछ दिनों पूर्व काशी से संगम व अयोध्या तक का सर्वे भी किया है। विस्तृत रिपोर्ट में यह दर्शाया गया है कि क्रूज का संचालन काशी से संगम तक किया जाए और आगे चलकर इसे अयोध्या भी जोड़ा जाए। चूंकि धार्मिक पर्यटन का सबसे बड़ा केंद्र काशी, संगम, अयोध्या है। जब श्रीराम मंदिर निर्माण कार्य पूरा होगा तो देशभर के पर्यटकों की आवाजाही कई गुना तक बढ़ेगी।
पर्यटन अधिकारियों के अनुसार गोवा शिपिंग यार्ड से दस करोड़ की लागत से बनकर आए दो मंजिला क्रूज को भी चलाया जा सकता है, साथ ही पहले से गंगा में खिड़कियां घाट से रविदास घाट तक चल रही अलकनंदा क्रूज के सेवा में भी विस्तार दिया सकता है। रो-रो फेरी सर्विस भी गंगा में चल रही है।
घरेलू पर्यटन को बढ़ावा
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