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कोरोना काल में भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाओं के संचालन में ज्यादा फर्क नहीं पड़ा। उस दौरान भी संघ के काशी प्रांत में 2450 शाखाएं चलती रहीं और बढ़-चढ़कर सेवा कार्य किए गए। यह जानकारी काशी प्रांत संघचालक डॉ. विश्वनाथ लाल निगम ने बुधवार को दी। वह बंगलूरू में आयोजित संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में शामिल होने के बाद प्रयागराज लौटे थे। उन्होंने बताया कि सभा में काशी प्रांत की समस्या व गतिविधियों का ब्योरा संघ पदाधिकारियों के समक्ष रखा गया। डॉ. निगम ने बताया कि वर्तमान समय में प्रांत के सभी 151 खंडों में संघ कार्य खड़ा हो चुका है। प्रांत के 104 नगरीय क्षेत्र में शत-प्रतिशत शाखा कार्य अथवा संपर्क है। इस तरह पूर्वी उत्तर प्रदेश में काशी प्रांत सर्वाधिक शाखाओं वाला प्रांत है। बताया कि बंगलूरू में संघ कार्य की वर्तमान स्थिति, प्रवास, कार्य विभाग जैसे शारीरिक बौद्धिक, व्यवस्था, संपर्क सेवा, ग्राम विकास, गोसेवा, कुटुंब प्रबोधन, सामाजिक समरसता को लेकर किए गए कार्य का ब्योरा रखा गया।संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख डॉ. एमजे त्रिपाठी ने बताया कि काशी प्रांत में सात विभाग और संघ दृष्टि से 26 जिले हैं। प्रांत के सभी 151 विकास खंडों में संघ कार्य हुआ है। 1514 मंडलों अर्थात न्याय पंचायतों के 1170 मंडलों में संघ की शाखाएं नियमित रूप से संचालित हैं, जबकि 338 न्याय पंचायतों में मिलन व मंडली के माध्यम से संपर्क है। केवल छह न्याय पंचायत ऐसी है जहां संघ कार्य नहीं है।मंदिर के लिए काशी प्रांत में 44 लाख परिवारों से किया गया संपर्क श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के आह्वान पर विश्व हिंदू परिषद ने श्रीराम मंदिर निर्माण हेतु व्यापक जन सम्पर्क और समर्पण निधि संकलन का अभियान चलाया। सम्पूर्ण देश के लगभग 5.50 लाख से अधिक गांवों एवं नगरों के 12.50 करोड़ से अधिक रामभक्त परिवारों ने श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए समर्पण किया। काशी प्रान्त की बात करें तो यहां 43 हजार रामभक्तों के माध्यम से लगभग 44 लाख परिवारों ने निधि समर्पण किया।
कोरोना काल में भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाओं के संचालन में ज्यादा फर्क नहीं पड़ा। उस दौरान भी संघ के काशी प्रांत में 2450 शाखाएं चलती रहीं और बढ़-चढ़कर सेवा कार्य किए गए। यह जानकारी काशी प्रांत संघचालक डॉ. विश्वनाथ लाल निगम ने बुधवार को दी। वह बंगलूरू में आयोजित संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में शामिल होने के बाद प्रयागराज लौटे थे। उन्होंने बताया कि सभा में काशी प्रांत की समस्या व गतिविधियों का ब्योरा संघ पदाधिकारियों के समक्ष रखा गया।
डॉ. निगम ने बताया कि वर्तमान समय में प्रांत के सभी 151 खंडों में संघ कार्य खड़ा हो चुका है। प्रांत के 104 नगरीय क्षेत्र में शत-प्रतिशत शाखा कार्य अथवा संपर्क है। इस तरह पूर्वी उत्तर प्रदेश में काशी प्रांत सर्वाधिक शाखाओं वाला प्रांत है। बताया कि बंगलूरू में संघ कार्य की वर्तमान स्थिति, प्रवास, कार्य विभाग जैसे शारीरिक बौद्धिक, व्यवस्था, संपर्क सेवा, ग्राम विकास, गोसेवा, कुटुंब प्रबोधन, सामाजिक समरसता को लेकर किए गए कार्य का ब्योरा रखा गया।
संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख डॉ. एमजे त्रिपाठी ने बताया कि काशी प्रांत में सात विभाग और संघ दृष्टि से 26 जिले हैं। प्रांत के सभी 151 विकास खंडों में संघ कार्य हुआ है। 1514 मंडलों अर्थात न्याय पंचायतों के 1170 मंडलों में संघ की शाखाएं नियमित रूप से संचालित हैं, जबकि 338 न्याय पंचायतों में मिलन व मंडली के माध्यम से संपर्क है। केवल छह न्याय पंचायत ऐसी है जहां संघ कार्य नहीं है।
मंदिर के लिए काशी प्रांत में 44 लाख परिवारों से किया गया संपर्क
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के आह्वान पर विश्व हिंदू परिषद ने श्रीराम मंदिर निर्माण हेतु व्यापक जन सम्पर्क और समर्पण निधि संकलन का अभियान चलाया। सम्पूर्ण देश के लगभग 5.50 लाख से अधिक गांवों एवं नगरों के 12.50 करोड़ से अधिक रामभक्त परिवारों ने श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए समर्पण किया। काशी प्रान्त की बात करें तो यहां 43 हजार रामभक्तों के माध्यम से लगभग 44 लाख परिवारों ने निधि समर्पण किया।
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