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आरक्षण तय होने के बाद कई निवर्तमान जिला पंचायत सदस्यों को निराश होना पड़ रहा है। कुछ ऐसे हैं जिन्हें अपना क्षेत्र बदलना होगा। इस सूची मेें जिला पंचायत अध्यक्ष रेखा सिंह का भी नाम शामिल है। जिस सीट से उन्होंने पिछला चुनाव लड़ा था वह आरक्षित हो गई है। इस वजह से रेखा सिंह अब किसी अन्य सीट से चुनाव लड़ेंगी। सांसद केशरी देवी पटेल की बहु ऋचा सिंह की सीट भी एससी खाते में जाने के बाद वह नई सीट से दावेदारी कर सकती हैं, लेकिन अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सांसद केशरी का परिवार पंचायत चुनाव से दूरी बनाने के भी मूड में नजर आ रहा है।
पंचायतों के आरक्षण तय कर शनिवार की देर रात सूची जारी होने के बाद दूसरे दिन भी विकास भवन और तमाम ब्लॉकों में लोगों की भीड़ एकत्र रही। शनिवार की देर रात जारी की गई सूची की तुलना अगर तीन मार्च को जारी सूची से की जाए तो उसमें व्यापक बदलाव हुए हैं। इस पर 23 मार्च तक आपत्ति दर्ज कराई जा सकती है। आपत्तियों का निस्तारण करने के बाद 26 मार्च को अंतिम सूची जारी कर दी जाएगी। हालांकि आरक्षण तय होने के बाद कई निवर्तमान जिला पंचायत सदस्य सूची देखने के बाद निराश भी हुए।दरअसल आरक्षण बदल जाने से कई दिग्गजों को अपनी परंपरागत सीट बदलनी होगी। जिला पंचायत अध्यक्ष रेखा सिंह की बात करें तो पिछले चुनाव में वह कोरांव प्रथम और मांडा चतुर्थ सीट से उन्होंने दावेदारी पेश की थी। दोनों ही सीटों पर वह विजयी भी हुई। बाद में मांडा चतुर्थ सीट से उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद उनके पति अशोक सिंह उक्त सीट से निर्वाचित हुए। अब मांडा चतुर्थ सीट आरक्षित हो गई है, इस वजह से रेखा सिंह या उनके पति अशोक सिंह मांडा तृतीय सीट से दावेदारी कर सकते हैं।चर्चा है कि कोरांव से भी जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा चुनाव लड़ा जा सकता है, लेकिन वह किस सीट से चुनाव लड़ेंगी वह अभी डिसाइड नहीं हुआ है। वहीं दूसरी ओर शंकरगढ़ तृतीय से सांसद केशरी देवी पटेल की बहु ऋचा सिंह पंचायत सदस्य हैं। इस बार यह सीट अनुसूचित जाति के खाते में चली गई है। ऐसे में ऋचा चुनाव किस सीट से लड़ेंगी वह अभी तय नहीं है, लेकिन सांसद के पुत्र एवं पूर्व विधायक दीपक पटेल कहते हैं कि इस बार उनके परिवार से किसी भी सदस्य की पंचायत चुनाव लड़ने की संभावना कम है। हालांकि अगर पार्टी इस संबंध में कोई दिशा निर्देश देती है तो जरूर विचार किया जाएगा। वहीं भाजपा सूत्र बताते हैं कि दीपक पटेल की अगले वर्ष विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी है। इस वजह से सांसद का परिवार पंचायत चुनाव से दूर रह सकता है। इसी तरह करछना द्वितीय और तृतीय से सांसद रेवती रमण सिंह के एक करीबी के चुनाव लड़ने की संभावना है।
आरक्षण तय होने के बाद कई निवर्तमान जिला पंचायत सदस्यों को निराश होना पड़ रहा है। कुछ ऐसे हैं जिन्हें अपना क्षेत्र बदलना होगा। इस सूची मेें जिला पंचायत अध्यक्ष रेखा सिंह का भी नाम शामिल है। जिस सीट से उन्होंने पिछला चुनाव लड़ा था वह आरक्षित हो गई है। इस वजह से रेखा सिंह अब किसी अन्य सीट से चुनाव लड़ेंगी। सांसद केशरी देवी पटेल की बहु ऋचा सिंह की सीट भी एससी खाते में जाने के बाद वह नई सीट से दावेदारी कर सकती हैं, लेकिन अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सांसद केशरी का परिवार पंचायत चुनाव से दूरी बनाने के भी मूड में नजर आ रहा है।
prayagraj news : रेखा सिंह।
– फोटो : prayagraj
पंचायतों के आरक्षण तय कर शनिवार की देर रात सूची जारी होने के बाद दूसरे दिन भी विकास भवन और तमाम ब्लॉकों में लोगों की भीड़ एकत्र रही। शनिवार की देर रात जारी की गई सूची की तुलना अगर तीन मार्च को जारी सूची से की जाए तो उसमें व्यापक बदलाव हुए हैं। इस पर 23 मार्च तक आपत्ति दर्ज कराई जा सकती है। आपत्तियों का निस्तारण करने के बाद 26 मार्च को अंतिम सूची जारी कर दी जाएगी। हालांकि आरक्षण तय होने के बाद कई निवर्तमान जिला पंचायत सदस्य सूची देखने के बाद निराश भी हुए।दरअसल आरक्षण बदल जाने से कई दिग्गजों को अपनी परंपरागत सीट बदलनी होगी। जिला पंचायत अध्यक्ष रेखा सिंह की बात करें तो पिछले चुनाव में वह कोरांव प्रथम और मांडा चतुर्थ सीट से उन्होंने दावेदारी पेश की थी। दोनों ही सीटों पर वह विजयी भी हुई। बाद में मांडा चतुर्थ सीट से उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद उनके पति अशोक सिंह उक्त सीट से निर्वाचित हुए। अब मांडा चतुर्थ सीट आरक्षित हो गई है, इस वजह से रेखा सिंह या उनके पति अशोक सिंह मांडा तृतीय सीट से दावेदारी कर सकते हैं।चर्चा है कि कोरांव से भी जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा चुनाव लड़ा जा सकता है, लेकिन वह किस सीट से चुनाव लड़ेंगी वह अभी डिसाइड नहीं हुआ है। वहीं दूसरी ओर शंकरगढ़ तृतीय से सांसद केशरी देवी पटेल की बहु ऋचा सिंह पंचायत सदस्य हैं। इस बार यह सीट अनुसूचित जाति के खाते में चली गई है। ऐसे में ऋचा चुनाव किस सीट से लड़ेंगी वह अभी तय नहीं है, लेकिन सांसद के पुत्र एवं पूर्व विधायक दीपक पटेल कहते हैं कि इस बार उनके परिवार से किसी भी सदस्य की पंचायत चुनाव लड़ने की संभावना कम है। हालांकि अगर पार्टी इस संबंध में कोई दिशा निर्देश देती है तो जरूर विचार किया जाएगा। वहीं भाजपा सूत्र बताते हैं कि दीपक पटेल की अगले वर्ष विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी है। इस वजह से सांसद का परिवार पंचायत चुनाव से दूर रह सकता है। इसी तरह करछना द्वितीय और तृतीय से सांसद रेवती रमण सिंह के एक करीबी के चुनाव लड़ने की संभावना है।
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