Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

पीसीएस मेंस परिणाम : 54 दिनों में परिणाम घोषित कर आयोग ने बनाया रिकार्ड

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने पीसीएस-2020 की मुख्य परीक्षा का परिणाम घोषित करने के साथ ही एक नया रिकार्ड भी कायम किया। परीक्षा 21 से 25 जनवरी तक आयोजित की गई थी। परीक्षा के अगले दिन से 20 मार्च की अवधि तक यानी 54 दिनों में आयोग ने मेंस का रिजल्ट जारी कर दिया। आयोग के इतिहास में इससे पहले इतने कम समय में मुख्य परीक्षा का रिजल्ट कभी जारी नहीं हुआ।
पीसीएस-2020 एवं एसीएफ/आरएफओ-2020 की प्रारंभिक परीक्षा संयुक्त रूप से पिछले साल 11 अक्तूबर को प्रदेश के 19 जिलों के 1282 केंद्रों में आयोजित की गई थी। परीक्षा के लिए पांच लाख 95 हजार 696 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे और इनमें से तीन लाख 14 हजार 699 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए थे। आयोग ने नवंबर 2020 को प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया था और 20 मार्च को मुख्य परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया। इस तरह आयोग ने पांच महीने और नौ दिनों में प्री एवं मेंस का आयोजन कराकर उनका रिजल्ट भी जारी कर दिया।
इतने कम समय में परिणाम जारी होने के कई कारण माने जा रहा हैं। आयोग ने पीसीएस-2019 का रिजल्ट भी तकरीबन तीन माह में जारी किया था, जबकि इससे पहले मुख्य परीक्षा का परिणाम आने में कम से कम छह माह का वक्त लग जाता था। दरअसल, आयोग ने पीसीएस-2019 की परीक्षा से से पदों के मुकाबले अभ्यर्थियों को अगले चरण के लिए सफल घोषित किए जाने के मानक में परिवर्तन कर दिया है। पहले प्रारंभिक परीक्षा में पदों की संख्या के मुकाबले 18 गुना मुख्य परीक्षा के लिए क्वालीफाई कराए जाते थे और मुख्य परीक्षा में तीन गुना अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए सफल घोषित किया जाता था।पीसीएस-2019 से इस मानक को पदों की संख्या के मुकाबले क्रमश: 13 गुना और दो गुना कर दिया गया है। ऐसे में मुख्य परीक्षा के लिए क्वालीफाई करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या काफी कम हो गई है और इसके साथ ही कॉपियों की संख्या भी कम हुई है। इसी वजह से कॉपियों के मूल्यांकन में समय की काफी बचत हो रही है। इंटरव्यू में भी अभ्यर्थियों की संख्या घटने के कारण पहले के मुकाबले अब साक्षात्कार कम समय में पूरा हो रहा है और परिणाम भी जल्द आ रहा है। हालांकि अभ्यर्थी मानक में परिवर्तन का लगातार विरोध कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि पूर्व की व्यवस्था को ही बहाल  किया जाए, क्योंकि मानक में परिवर्तन से योग्य अभ्यर्थी भी प्रभावित हुए हैं।
तो तीन माह में दो परीक्षाओं के अंतिम चयन परिणाम
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग अगर अप्रैल के अंत तक पीसीएस-2020 का अंतिम चयन परिणाम जारी कर देता है तो तीन माह में दो पीसीएस परीक्षाओं अंतिम चयन परिणाम घोषित किए जाने का एक नया रिकार्ड बनेगा। आयोग ने 17 फरवरी को पीसीएस-2019 का अंतिम चयन परिणाम जारी किया था, जिसमें आयोग ने 434 पदों पर अभ्यर्थियों को अंतिम रूप से चयनित घोषित किया था। परिणाम संशोधन के लिए चर्चा में रही पीसीएस परीक्षाउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने भले ही पीसीएस-2020 की मुख्य परीक्षा का परिणाम रिकार्ड समय में जारी किया हो, लेकिन प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम को लेकर आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल भी उठे थे। विज्ञापन और आवेदन में अर्हता क्रम में भिन्नता के कारण आयोग को प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम संशोधित करना पड़ा था। ऐसे में विशिष्ष्ट अर्हता वाले दो प्रकार के पदों के लिए प्रारंभिक परीक्षा में सफल घोषित किए गए 1131 अभ्यर्थियों को बाहर कर दिया गया था। हालांकि संशोधित परिणाम में बाहर होने वालों से अधिक संख्या में नए अभ्यर्थियों को मेरिट में शामिल किया गया था। ऐसे में कुल मिलाकर सफल होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या बढ़कर 5535 हो गई थी, जबकि पूर्व में जारी किए गए परिणाम में 5393 अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए सफल घोषित किया गया था। मेरिट में 142 सफल अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ गई थी।

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने पीसीएस-2020 की मुख्य परीक्षा का परिणाम घोषित करने के साथ ही एक नया रिकार्ड भी कायम किया। परीक्षा 21 से 25 जनवरी तक आयोजित की गई थी। परीक्षा के अगले दिन से 20 मार्च की अवधि तक यानी 54 दिनों में आयोग ने मेंस का रिजल्ट जारी कर दिया। आयोग के इतिहास में इससे पहले इतने कम समय में मुख्य परीक्षा का रिजल्ट कभी जारी नहीं हुआ।

UPPSC

पीसीएस-2020 एवं एसीएफ/आरएफओ-2020 की प्रारंभिक परीक्षा संयुक्त रूप से पिछले साल 11 अक्तूबर को प्रदेश के 19 जिलों के 1282 केंद्रों में आयोजित की गई थी। परीक्षा के लिए पांच लाख 95 हजार 696 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे और इनमें से तीन लाख 14 हजार 699 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए थे। आयोग ने नवंबर 2020 को प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया था और 20 मार्च को मुख्य परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया। इस तरह आयोग ने पांच महीने और नौ दिनों में प्री एवं मेंस का आयोजन कराकर उनका रिजल्ट भी जारी कर दिया।