त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के वाराणसी में सीटों के आरक्षण की सूची शनिवार को जारी होगी। इसे लेकर दावेदारों की धुकधुकी बढ़ गई है। सूची फाइनल होने के बाद पहली बार ज्यादातर सीटों पर असर पड़ेगा। 2015 में आरक्षित सूची के अनुसार 2021 की सूची तैयार की जा रही है। जहां परिवर्तन नहीं हुआ है, वहां परिवर्तन होगा।सामान्य आबादी वाले बहुतायत गांवों में पुरुष और महिला सीट पर ही चुनाव होता आ रहा है। पहले महिला के लिए सीट आरक्षित होगी। इसके बाद दूसरों के लिए सीट आरक्षित होंगी। दो मार्च को प्रकाशित सूची में ग्राम प्रधान चुनाव के लिए जिले की 694 ग्राम पंचायतों में 243 सीटों को अनारक्षित किया गया था। जबकि 335 सीट आरक्षित थी।इसके अलावा 116 सीटें महिला है। क्योंकि पिछली बार 760 ग्राम पंचायतें थी और इस बार 694 हैं इस नाते पिछली बार की अपेक्षा इस बार आरक्षित और अनारक्षित दोनों की सीटें कम हुई थी। गांव में पंचायत सीट को जारी हीने वाले आरक्षण को लेकर धुकधुकी बढ़ गई है। सभी यह जानने को उत्सुक हैं कि इस बार कौन किस्मत आजमाएगा। सीट फाइनल होने के बाद गाँवों में चुनावी माहौल रंग लेने लगेगा।
डीपीआरओ शाश्वत आनंद सिंह ने बताया कि आरक्षण की सूची फाइनल हो चुकी है। प्रकाशन शनिवार को होगा। आरक्षण का निर्धारण शासनादेश के क्रम में हुआ है। शिकायतों के निस्तारण के बाद 27 मार्च को सूची का अंतिम प्रकाशन होगा। पंचायत के सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी राजाराम वर्मा ने बताया कि आरक्षण लागू करने में चक्रानुक्रम अपनाया गया है। 2015 में जो सूची थी उसी के अनुसार पर नई सूची बनाई जा रही है।आरक्षण का नियमपहले अनुसूचित जनजाति महिला फिर अनुसूचित जनजाति, इसके बाद अनुसूचित जाति महिला फिर अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग महिला फिर पिछड़ा वर्ग, महिला के बाद अनारक्षित सीटों को वरीयता दी गई है।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के वाराणसी में सीटों के आरक्षण की सूची शनिवार को जारी होगी। इसे लेकर दावेदारों की धुकधुकी बढ़ गई है। सूची फाइनल होने के बाद पहली बार ज्यादातर सीटों पर असर पड़ेगा। 2015 में आरक्षित सूची के अनुसार 2021 की सूची तैयार की जा रही है। जहां परिवर्तन नहीं हुआ है, वहां परिवर्तन होगा।
सामान्य आबादी वाले बहुतायत गांवों में पुरुष और महिला सीट पर ही चुनाव होता आ रहा है। पहले महिला के लिए सीट आरक्षित होगी। इसके बाद दूसरों के लिए सीट आरक्षित होंगी। दो मार्च को प्रकाशित सूची में ग्राम प्रधान चुनाव के लिए जिले की 694 ग्राम पंचायतों में 243 सीटों को अनारक्षित किया गया था। जबकि 335 सीट आरक्षित थी।
इसके अलावा 116 सीटें महिला है। क्योंकि पिछली बार 760 ग्राम पंचायतें थी और इस बार 694 हैं इस नाते पिछली बार की अपेक्षा इस बार आरक्षित और अनारक्षित दोनों की सीटें कम हुई थी। गांव में पंचायत सीट को जारी हीने वाले आरक्षण को लेकर धुकधुकी बढ़ गई है। सभी यह जानने को उत्सुक हैं कि इस बार कौन किस्मत आजमाएगा। सीट फाइनल होने के बाद गाँवों में चुनावी माहौल रंग लेने लगेगा।
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