वाराणसी में मिनट में 416.71 करोड़ रुपये की जिला योजना का प्रस्ताव पास हो गया। खास बात रही कि पिछली बार के जिला योजना के प्रस्ताव और इस बार के जिला योजना के प्रस्ताव बराबर हैं। बृहस्पतिवार को सर्किट हाउस में जिले के प्रभारी मंत्री आशुतोष टंडन की अध्यक्षता में शाम 5:30 बजे शुरू हुई बैठक 6:15 बजे समाप्त हो गई। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने 47 विभागों के प्रस्ताव पढ़े और विस्तार से इनके बारे में बताया।बैठक के दौरान सपा के स्नातक एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने आपत्ति जताई कि केवल एक ही जनप्रतिनिधि के यहां काम कराया गया। जबकि बाकी जनप्रतिनिधियों से प्रस्ताव नहीं लिए गए। इस पर डीएम सपा एमएलसी को संतुष्ट नहीं कर पाए। इसके बाद प्रभारी मंत्री ने कहा कि अपनी आपत्ति लिखकर दे दीजिए, इस पर विचार कर लिया जाएगा।बैठक में भाजपा एमएलसी लक्ष्मण आचार्य ने रामनगर चिकित्सालय में डिजिटल एक्सरे मशीन न लगाने पर सीएमओ से जवाब मांगा। अस्पताल के जर्जर भवन के बारे में पूछा तो डॉ. मृत्युंजय कुमार पीछे बैठे कर्मचारी से पूछने लगे। इस पर मंत्री नाराज हो गए और कहा कि आप यहां क्यों बैठे हैं। जब उन्हीं को जवाब देना है उनको आगे कुर्सी पर बैठाइए।
सपा एमएलसी शतरूद्र प्रकाश के प्रतिनिधि संजय मिश्र ने आपत्ति जताई कि जिला योजना के सदस्यों के प्रस्ताव पर काम नहीं हो रहा है। जबकि दूसरे लोगों का काम कराया गया। अजगरा के विधायक कैलाश सोनकर ने स्कूलों में डेक्स बेंच लगाने की मांग की। पिंडरा के विधायक अवधेश सिंह ने जल निगम की पानी की टंकियों की व्यवस्था दुरुस्त कराने को कहा। निगम में शामिल गांवों में मूलभूत सुविधाओं की कमीकैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव और रोहनिया विधायक सुरेंद्र नारायण सिंह ने आपत्ति की कि उनके विधानसभा के क्रमश: पांच और 27 गांव नगर निगम सीमा में शामिल हो गए हैं। जहां मूलभूत सुविधाओं की कमी है। इस पर निगम से जवाब मांगा। वहीं सेवापुरी के 87 गांव में नलकूप की नालियां बनाने की मांग की गई। महिला मंगल दल में संख्या बढ़ाने और रामेश्वर में होम्योपैथिक हॉस्पिटल में सरकारी धन के दुरुपयोग को देखते हुए उसे ढहाने की मांग की गई।प्रस्ताव में 27.55 प्रतिशत धनराशि एससी-एसटी के लिएवित्तीय वर्ष 21-22 के लिए 416.71 करोड़ रुपए के जिला योजना के प्रस्ताव पिछली बार के जिला योजना के बराबर है। इसमें एससी एसटी के लिए 27.55 प्रतिशत की धनराशि प्रस्तावित की गई है। जबकि निर्माण कार्यों के लिए 57.85 प्रतिशत की धनराशि प्रस्तावित की गई है। इसमें 305.58 करोड़ रुपए राज्यांश है। जबकि 111.12 करोड़ केंद्रांश हैं। जिला योजना के प्रस्ताव में पुष्टाहार को शामिल नहीं किया गया है।विभागवार परिव्यय करोड़ रुपए में
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