निखिल शर्मा, मेरठ
यूपी के मेरठ जिले से बड़े पैमाने पर पंजाब सहित विभिन्न राज्यों में प्रतिबंधित मेडिसिन की सप्लाई का खुलासा हुआ है। पंजाब पुलिस और एनसीबी (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) की टीम ने परतापुर क्षेत्र स्थित एक फार्मा फैक्ट्री पर छापा मारते हुए 11 करोड़ की प्रतिबंधित मेडिसिन बरामद की हैं। इसी के साथ मेरठ से चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। एनसीबी की कार्रवाई लगभग 36 घंटे तक चली।
पंजाब पुलिस के एसीपी वरयाम सिंह ने बताया कि पिछले दिनों लुधियाना के छावनी मोहल्ला निवासी पार्षद सतीश नागर के घर से एक लाख 29 हजार प्रतिबंधित मेडिसिन बरामद की गई थीं। इन मेडिसिन का ना कोई बिल था और ना ही वाउचर। इनकी जांच करने पर मेरठ के परतापुर इंडस्ट्रियल एरिया स्थित पर्क फार्मास्युटिकल्स में इन मेडिसिन की मैनोफैक्चरिंग का खुलासा हुआ। इस मामले में पंजाब पुलिस ने पंजाब से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
मेरठ एसएसपी को विश्वास में लेकर की कार्रवाई
बुधवार को पंजाब पुलिस और एनसीबी की टीम तीनों आरोपियों को साथ लेकर मेरठ पहुंचीं। जहां एसीपी वरयाम सिंह ने मेरठ के एसएसपी अजय साहनी से मिलकर उन्हें पूरे मामले की जानकारी दी। जिसके बाद पंजाब की टीम ने मेरठ की क्राइम ब्रांच के साथ मेरठ के खैर नगर से मेडिकल स्टोर के मालिक सादिक उर्फ बबलू और प्रोटीन विक्रेता जान मोहम्मद को गिरफ्तार किया। दोनों युवक पंजाब में प्रतिबंधित मेडिसिन सप्लाई कर रहे थे। आरोपियों के बताने पर पुलिस ने उन तक मेडिसिन पहुंचाने वाले काशी गांव निवासी छुट्टन गोयल को भी गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद दोनों टीमों ने परतापुर स्थित पर्क फार्मास्युटिकल्स पर छापा मारा। यहां से पुलिस ने फैक्ट्री के एक कर्मचारी को भी गिरफ्तार किया।
पंजाब में बैन दवाइयां बरामद
पंजाब पुलिस और एनसीबी की टीम के साथ मेरठ के ड्रग विभाग की टीम भी बुधवार की दोपहर से ही पर्क फार्मासिटिकल्स फैक्ट्री और मोहिउद्दीनपुर स्थित फैक्ट्री के गोदाम में जांच में जुटी रही। मेरठ ड्रग विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर अरविंद कुमार ने बताया कि इस दौरान लगभग 43 लाख टेबलेट्स बरामद की गई हैं जिनकी कीमत मार्केट में 11 करोड़ रुपये है। पंजाब पुलिस के एसीपी वरयाम सिंह ने बताया कि मेरठ से चार आरोपियों को हिरासत में लिया गया है। वहीं फैक्ट्री के तीन संचालक फरार हैं। उन्होंने बताया कि जो दवाइयां बरामद की गई हैं वह पंजाब में बैन हैं। इसी के साथ इन दवाइयों को सिर्फ नशा मुक्ति केंद्रों में बेचने की परमिशन है। मगर इसके बावजूद यह दवाइयां पंजाब में खुलेआम बिक रही थीं जिन्हें नशे के लिए प्रयोग किया जा रहा था। उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले में कई अन्य लोगों की भूमिका भी सामने आई है। जिसके विषय में जांच की जा रही है। फिलहाल पंजाब पुलिस मेरठ से चारों आरोपियों को लेकर पंजाब चली गई है।
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