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Basti News: लड़की का एक इनकार और परिवार पर मुकदमों की बौछार…कहानी फिल्मी है

अंकुर तिवारी/मनोज पांडेय, बस्तीलखनऊ से करीब 225 किमी दूर बस्ती का पोखरभिटवा गांव। गांव में 31 मार्च 2020 को शुरू हुआ एक घटनाक्रम आपको एक फिल्मी कहानी सरीखा लगेगा। कहानी के दो पक्ष हैं। कानूनी रूप से इसमें आगे चलकर कौन सच्चा है, कौन झूठा, ये तो वक्त बताएगा।मामले में एक लड़की का आरोप है कि गांव में तैनात एक एसआई उसके पीछे पड़ा था। जबरन फोन कॉल्स, मेसेज कर रहा था। जब उसने एसआई से बात करने से मना कर दिया और उसे फोन पर ब्लॉक कर दिया तो उसके परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। देखते ही देखते उसके और परिवार के लोगों पर एक-एक करके आठ मुकदमे दर्ज हो गए। उनके परिवार के साथ कुख्यात अपराधियों जैसा व्यवहार किया गया। इस कारण उसके समेत परिवार की दो लड़कियों के रिश्ते टूट गए और तीसरी लड़की की शादी टूटने के कगार पर है। वहीं, पुलिस का कहना है कि परिवार का आपराधिक इतिहास है। आरोप लगाने वाली लड़की के भाई आपराधिक प्रवृत्ति के हैं। उनके खिलाफ जो भी मुकदमे दर्ज किए गए हैं, सब सही हैं। हां, ये बात अलग है कि जिस दरोगा पर लड़की ने आरोप लगाए थे। उन्हें सही पाते हुए पुलिस कप्तान ने एसआई को लाइन हाजिर कर चौकी से हटाया भी था। लेकिन एसपी का कहना है कि लड़की के परिवार के खिलाफ दर्ज हुए मुकदमे सही हैं।लॉकडाउन से हुई शुरुआतलड़की के मुताबिक 31 मार्च 2020 को वह अपने फुफेरे भाई के साथ दवा लेने जा रही थी। बस्ती के कोतवाली की चौकी सोनूपार में तैनात चौकी इंचार्ज दीपक सिंह ने चेकिंग के दौरान उन्हें रोका। मास्क न होने पर उन्हें चेतावनी दी। साथ ही चौकी इंचार्ज लड़की से उसका मोबाइल नंबर मांगने लगे। इस पर लड़की ने अपने भाई का नंबर दिया तो चौकी इंचार्ज ने कहा, उसका नंबर मांगा। लड़की का मोबाइल फोन घर पर था। आरोप है कि उसके नंबर की पुष्टि करने के लिए चौकी इंचार्ज ने घर में रखे उसके फोन को उसकी भाभी से रिसीव करवाकर जब सुनिश्चित कर लिया, तब उसे जाने दिया। जांच में चैट की बात प्रमाणित नहीं हुई थी। लेकिन कॉल डिटेल निकलने पर एसआई द्वारा आउटगोइंग कॉल लड़की गई थीं। इसके अलावा गांव में जब घटना हुई थी, तो एसआई अकेले चले गए थे। फोर्स लेकर नहीं गए थे। इस आधार पर एसआई को दोषी ठहराया गया था और उन्हें लाइन हाजिर किया गया था।रविंद्र कुमार सिंह, अडिशनल एसपीइसके बाद उसी दिन से चौकी इंचार्ज ने उसे फोन और मेसेज करना शुरू कर दिया। जब उनके मेसेज ज्यादा पर्सनल होने लगे तो लड़की के मुताबिक उसने चौकी इंचार्ज का नंबर ब्लॉक कर दिया। इस पर चौकी इंचार्ज दूसरे नंबर से फोन करने लगे। चौकी इंचार्ज ने बात करने के लिए उस पर बहुत दबाव बनाया लेकिन उसने इनकार कर दिया। इस इनकार के बाद से ही मई से उसके भाइयों के खिलाफ मुकदमे लिखे जाने शुरू हो गए। 13 जून को खुद चौकी इंचार्ज दीपक सिंह ने उनके ऊपर जानलेवा हमला होने, बंधक बनाए जाने, मोबाइल फोन और पिस्टल छीने जाने का मुकदमा लिखवा दिया। इसमें लड़की, उसके भाइयों, फुफेरी बहन और अन्य को नामजद कर दिया। मई 2020 से सितंबर 2020 के बीच परिवार के खिलाफ एक-एक करके आठ मुकदमे दर्ज हो गए।दो शादियां टूटीं, तीसरी टूटने के कगार परलड़की का कहना है कि परिवार के खिलाफ मुकदमे होने के चलते पहले उसकी शादी टूटी। एसआई द्वारा मुकदमे में नामजद उसकी फुफेरी बहन की शादी टूटी जबकि लड़की की सगी बहन, जिसकी शादी हो चुकी थी, उसकी शादी भी मुकदमे के चलते टूटने के कगार पर है। लड़की का कहना है कि उसने जिले के डीएम, कप्तान, आईजी, एडीजी सभी से गुहार लगाई लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई। सिर्फ कहा गया कि लाइन हाजिर कर तो दिया और क्या सूली पर चढ़ा दें। आखिर में लड़की ने राज्य महिला आयोग से गुहार लगाई। जहां उसकी बात सुनी गई।’परिवार आपराधिक प्रवृत्ति का’मामले में एएसपी ने जांच की थी। इनके पिता ने दो सिपाहियों की हत्याएं कर दी थीं। पूरा परिवार आपराधिक प्रवृत्ति का है। मेरा मोबाइल फोन जांच के लिए गया था। मेरा प्रोफाइल फोटो मेरे नाम से किसी और मोबाइल फोन में सेव करके मेरे नाम से खुद को मेसेज किए, इसकी जांच हो चुकी है। मेरे नंबर से कोई कॉल नहीं गई। भाइयों के खिलाफ हुए मुकदमों की पेशबंदी में मुझ पर गलत आरोप लगा रहे हैं। 26 जून को मेरा चौकी से महराजगंज ट्रांसफर हो गया था। मुझे बंधक बनाकर मेरे साथ मारपीट की गई थी। जान से मारने की कोशिश की गई थी। गांव वालों ने इनके खिलाफ धरना दिया था। लड़की के आरोप के पक्ष में कुछ मिला था। एसआई पर कार्रवाई हुई थी। लेकिन परिवार के खिलाफ जो मुकदमे हुए हैं। वे सही हैं।हेमराज मीणा, एसपी बस्तीगांव वाले ये कहते हैंपोखर भिटवा गांव के निवर्तमान प्रधान जय चरण ने बताया कि अखिलेश सिंह और उसके परिवार पर पहले कोई मुकदमा नही था। गांव के सम्मानित लोग हैं। इनका जमीन को लेकर विवाद था। चकरोड की जमीन को लेकर एक विवाद था। गांव के अनंत सिंह ने बताया कि अखिलेश सिंह के परिवार ने बच्चों के विवाद में मेरे घर पर गाली गलौच किया। हम लोगों ने सुलह का प्रयास भी किया लेकिन कुछ विरोधियों के चढ़ाने पर हम पर केस कर दिया गया इसलिए मजबूरी में हम लोगो को भी अखिलेश सिंह पर क्रॉस केस करना पड़ा। पुलिस अपनी जगह पर सही थी। चकरोड नप रहा था, उसी दौरान दीपक सिंह से भी इनका विवाद हुआ। सांकेतिक तस्वीर