त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में नए सिरे से आरक्षण की अधिसूचना जारी की गई है। हालांकि वाराणसी जिला पंचायत में इससे पहले भी जारी हुए आरक्षण में अन्य पिछड़ा वर्ग महिला के लिए यह पद आरक्षित किया गया था। संशोधन के बाद भी जिले की इस सीट पर बदलाव नहीं किया गया है। 15 साल पहले ओबीसी कोटे से सुचिता पटेल जिला पंचायत अध्यक्ष बनी थीं। मगर, कम उम्र के कारण उन्हें न्यायालय के आदेश पर कुर्सी से हटना पड़ा था। इसके बाद अनिल पटेल ने अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली थी।बुधवार को पंचायत राज निदेशालय की ओर से संशोधित सूची जारी की गई है। हालांकि वाराणसी में अन्य पिछड़ा वर्ग महिला के आरक्षण को बरकरार रखा गया है। इससे पहले अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर अपराजिता सोनकर जिला पंचायत अध्यक्ष रहीं। 1995 से अब तक 5 कार्यकाल में दो बार पिछड़ी जाति, सामान्य दो बार के अलावा एक बार सुरक्षित सीट थी।1995 से लेकर 2021 के बीच पांच बार पंचायत चुनाव हुए इनमें अब तक जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर 11 लोग काबिज हो चुके हैं। जबकि दो बार तीन सदस्यीय संचालन समिति कामकाज को देख रही थी। आरक्षण होने के बाद अब पार्टियों में पिछड़ा वर्ग की महिला उम्मीदवार की तलाश तेज हो गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि सभी पार्टियों में ओबीसी के कद्दावर नेताओं की पत्नियों को चुनाव मैदान में उतारा जा सकेगा।
1995 से अब तक पांच चुनाव में जिला पंचायत अध्यक्ष रहे
– जवाहर लाल जायसवाल – 1995
– कन्हैया लाल गुप्ता – 1995 -96
– उदयनाथ सिंह -1996 से 1997 तक
– संकठा पटेल -1997 से 2000 तक
– किरन सिंह –2000-2005 तक
– सुचिता पटेल -2006 से 2009
– अनिल पटेल–2009 से 2011
– मधुकर – 2011 से 2012 तक
– तीन सदस्यीय संचालन समिति -2012 से 2014 तक
– मधुकर -मार्च 2014 से अगस्त 2014 तक
– तीन सदस्यीय संचालन समिति – अगस्त से दिसम्बर 2014 तक
– सुजीत कुमार सिंह – दिसंबर 2014 से जनवरी 2016 तक
-अपराजिता सोनकर – जनवरी 2016 से बीते कार्यकाल तकब्लॉक प्रमुख की पांच सीटें आरक्षितक्षेत्र पंचायत प्रमुख पद के चुनाव के लिए कुल 8 सीटें हैं। इस बार 5 सीटें आरक्षित की गई है जबकि पिछली बार 4 सीटें ही आरक्षित थी। अनारक्षित सीट में 1 सीट की कमी आई है। शासन स्तर से आरक्षित सीटों में 1 सीट एससी महिला की गई है। जबकि एक सीट ओबीसी महिला की गई है। 2 सीटें ओबीसी की गई हैं और एक महिला सीट की गई है। इस प्रकार कुल तीन सीटें महिलाओं के लिए हैं।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में नए सिरे से आरक्षण की अधिसूचना जारी की गई है। हालांकि वाराणसी जिला पंचायत में इससे पहले भी जारी हुए आरक्षण में अन्य पिछड़ा वर्ग महिला के लिए यह पद आरक्षित किया गया था। संशोधन के बाद भी जिले की इस सीट पर बदलाव नहीं किया गया है। 15 साल पहले ओबीसी कोटे से सुचिता पटेल जिला पंचायत अध्यक्ष बनी थीं। मगर, कम उम्र के कारण उन्हें न्यायालय के आदेश पर कुर्सी से हटना पड़ा था। इसके बाद अनिल पटेल ने अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली थी।
बुधवार को पंचायत राज निदेशालय की ओर से संशोधित सूची जारी की गई है। हालांकि वाराणसी में अन्य पिछड़ा वर्ग महिला के आरक्षण को बरकरार रखा गया है। इससे पहले अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर अपराजिता सोनकर जिला पंचायत अध्यक्ष रहीं। 1995 से अब तक 5 कार्यकाल में दो बार पिछड़ी जाति, सामान्य दो बार के अलावा एक बार सुरक्षित सीट थी।
1995 से लेकर 2021 के बीच पांच बार पंचायत चुनाव हुए इनमें अब तक जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर 11 लोग काबिज हो चुके हैं। जबकि दो बार तीन सदस्यीय संचालन समिति कामकाज को देख रही थी। आरक्षण होने के बाद अब पार्टियों में पिछड़ा वर्ग की महिला उम्मीदवार की तलाश तेज हो गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि सभी पार्टियों में ओबीसी के कद्दावर नेताओं की पत्नियों को चुनाव मैदान में उतारा जा सकेगा।
More Stories
Rishikesh में “अमृत कल्प” आयुर्वेद महोत्सव में 1500 चिकित्सकों ने मिलकर बनाया विश्व कीर्तिमान, जानें इस ऐतिहासिक आयोजन के बारे में
Jhansi पुलिस और एसओजी की जबरदस्त कार्रवाई: अपहृत नर्सिंग छात्रा नोएडा से सकुशल बरामद
Mainpuri में युवती की हत्या: करहल उपचुनाव के कारण सियासी घमासान, सपा और भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप