prayagraj news : कुलपति का पुतला फूंकते छात्र।
– फोटो : prayagraj
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इविवि कुलपति की ओर अजान की आवाज से नींद में खलल संबंधी शिकायती पत्र डीएम को भेजे जाने की खबर जैसे ही फैली, विवि के छात्रों का गुस्सा भड़क उठा। छात्रसंघ भवन पर बुधवार को छात्रों ने कुलपति का पुतला फूंका और विरोध प्रदर्शन किया। इसके अलावा राष्ट्रपति से वीसी की बर्खास्तगी की भी मांग की है। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा।
इविवि कुलपति द्वारा डीएम, मंडलायुक्त एवं पुलिस प्रशासन को भेजे गए पत्र में लिखा है कि सुबह साढ़े पांच बजे अजान की तेज आवाज से उनकी नींद में खलल पड़ती है। उन्होंने जिला प्रशासन इस मामले में उचित कार्यवाही करने की मांग की थी। कुलपति की मांग के विरोध में अजय सम्राट के नेतृत्व में छात्रों ने कुलपति का पुतला फूंका। पुतला फूंकते समय राहुल पटेल, हरेन्द्र यादव, नवनीत यादव, आनंद सांसद, मसूद अंसारी मौजूद रहे।इविवि छात्रसंघ के पूर्व उपाध्यक्ष आदिल हमजा के नेतृत्व में छात्रों ने माथे पर तिलक, सिर पर गोल टोपी और बांह में काली पट्टी बांधकर कुलपति के खिलाफ प्रदर्शन किया। छात्रों का कहना है कि यदि कुलपति ने इस्तीफा नहीं दिया तो राष्ट्रपति को उन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए। इविवि में प्रदर्शन के बाद छात्रों ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंच कर प्रदर्शन किया और आंदोलन की चेतावनी दी। इस दौरान सदाकत, अरविंद सरोज, विवेक, श्याम त्रिपाठी, शकील गोलू पासवान आदि मौजूद रहे। इविवि के छात्रसंघ उपाध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है कि कुलपति अपना एजेंडा चला रही हैं। उनके बयान की कड़ी निंदा करता हूं।
कुलपति का पत्र, अपने खिलाफ उठ रही आवाज दबाने की कोशिश
इविवि कुलपति के पत्र को छात्रसंघ के पुराने पदाधिकारियों ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। छात्रनेताओं ने कुलपति की मंशा पर सवाल उठाए हैं। पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष केके राय ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और एक सोची-समझी रणनीति के तहत है, जिसमें कुलपति ने अजान पर सवाल उठाया। उनका कहना है कि छात्र-छात्राओं, अध्यापकों, कर्मचारियों की बहुत सारी आवाजें उठ रही हैं, जिससे कुलपति, कुलसचिव किसी की नींद में खलल नही पड़ रहा है। यह पहली बार हुआ है कि कोई कुलपति विवि के हित को दरकिनार कर समाज मेेें सांप्रदायिक विभाजन का बीड़ा उठाया है।पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष विनोद चंद दुबे ने कहा कि कुलपति के पद पर आसीन किसी व्यक्ति का जिलाधिकारी को इस तरह का पत्र लिखा जाना पद की गरिमा के खिलाफ है। पूर्व उपाध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि इस देश की बुनियाद ही सर्व धर्म समभाव पर टिकी हुई है, महात्मा गांधी भी सभी धर्मों को एक साथ लेकर चलने की बात करते थे। पूर्व उपाध्यक्ष आदिल हमजा ने कहा कि भारत गंगा जमुनी तहजीब का एक आदर्श राष्ट्र है, जहां पर मस्जिद की आवाज, मंदिर के घंटे, चर्च का घंटा एक सुर में एकनाद में और एक साथ बजते हैं।
इविवि कुलपति की ओर अजान की आवाज से नींद में खलल संबंधी शिकायती पत्र डीएम को भेजे जाने की खबर जैसे ही फैली, विवि के छात्रों का गुस्सा भड़क उठा। छात्रसंघ भवन पर बुधवार को छात्रों ने कुलपति का पुतला फूंका और विरोध प्रदर्शन किया। इसके अलावा राष्ट्रपति से वीसी की बर्खास्तगी की भी मांग की है। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा।
prayagraj news : कुलपति का पुतला फूंकते छात्र।
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इविवि कुलपति द्वारा डीएम, मंडलायुक्त एवं पुलिस प्रशासन को भेजे गए पत्र में लिखा है कि सुबह साढ़े पांच बजे अजान की तेज आवाज से उनकी नींद में खलल पड़ती है। उन्होंने जिला प्रशासन इस मामले में उचित कार्यवाही करने की मांग की थी। कुलपति की मांग के विरोध में अजय सम्राट के नेतृत्व में छात्रों ने कुलपति का पुतला फूंका। पुतला फूंकते समय राहुल पटेल, हरेन्द्र यादव, नवनीत यादव, आनंद सांसद, मसूद अंसारी मौजूद रहे।इविवि छात्रसंघ के पूर्व उपाध्यक्ष आदिल हमजा के नेतृत्व में छात्रों ने माथे पर तिलक, सिर पर गोल टोपी और बांह में काली पट्टी बांधकर कुलपति के खिलाफ प्रदर्शन किया। छात्रों का कहना है कि यदि कुलपति ने इस्तीफा नहीं दिया तो राष्ट्रपति को उन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए। इविवि में प्रदर्शन के बाद छात्रों ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंच कर प्रदर्शन किया और आंदोलन की चेतावनी दी। इस दौरान सदाकत, अरविंद सरोज, विवेक, श्याम त्रिपाठी, शकील गोलू पासवान आदि मौजूद रहे। इविवि के छात्रसंघ उपाध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है कि कुलपति अपना एजेंडा चला रही हैं। उनके बयान की कड़ी निंदा करता हूं।
prayagraj news : कुलपति के द्वारा डीएम को लिखा गया पत्र।
– फोटो : prayagraj
कुलपति का पत्र, अपने खिलाफ उठ रही आवाज दबाने की कोशिश
इविवि कुलपति के पत्र को छात्रसंघ के पुराने पदाधिकारियों ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। छात्रनेताओं ने कुलपति की मंशा पर सवाल उठाए हैं। पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष केके राय ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और एक सोची-समझी रणनीति के तहत है, जिसमें कुलपति ने अजान पर सवाल उठाया। उनका कहना है कि छात्र-छात्राओं, अध्यापकों, कर्मचारियों की बहुत सारी आवाजें उठ रही हैं, जिससे कुलपति, कुलसचिव किसी की नींद में खलल नही पड़ रहा है। यह पहली बार हुआ है कि कोई कुलपति विवि के हित को दरकिनार कर समाज मेेें सांप्रदायिक विभाजन का बीड़ा उठाया है।पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष विनोद चंद दुबे ने कहा कि कुलपति के पद पर आसीन किसी व्यक्ति का जिलाधिकारी को इस तरह का पत्र लिखा जाना पद की गरिमा के खिलाफ है। पूर्व उपाध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि इस देश की बुनियाद ही सर्व धर्म समभाव पर टिकी हुई है, महात्मा गांधी भी सभी धर्मों को एक साथ लेकर चलने की बात करते थे। पूर्व उपाध्यक्ष आदिल हमजा ने कहा कि भारत गंगा जमुनी तहजीब का एक आदर्श राष्ट्र है, जहां पर मस्जिद की आवाज, मंदिर के घंटे, चर्च का घंटा एक सुर में एकनाद में और एक साथ बजते हैं।
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