अभिषेक जायसवाल,वाराणसीमहामना की बगिया काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में काशी के लक्खा मेलों पर अब शोध होगा। BHU दुनिया का पहला ऐसा विश्वविद्यालय होगा। जहां किसी शहर में लगने वाले मेले पर बकायदा दो वर्ष के एमए की पढ़ाई होगी। सामाजिक विज्ञान संकाय में नए सत्र से इसकी पढ़ाई शुरू हो जाएगी।
बीएचयू में शुरू होने वाले इस अनोखे कोर्स में काशी के विश्वप्रसिद्ध रथयात्रा, नाग नथैया, नाटी इमली का भरत मिलाप, शिवपुर का लोटा भंटा मेला, देव दीपावली जैसे मेलों की पढ़ाई होगी। बता दें कि देश की सांस्कृतिक राजधानी काशी के ये मेले विश्वप्रसिद्ध हैं। हर साल होने वाले इस मेले में विश्व के अलग-अलग देशों से लोग आते हैं। इन मेलों में लाखों लोगों की भीड़ होती है। इसलिए इसे लक्खा मेला भी कहते हैं।
सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन प्रफेसर कौशक किशोर मिश्रा ने बताया कि काशी अध्ययन केंद्र में आगामी सत्र से काशी के विश्वप्रसिद्ध मेलों पर एमए का कोर्स शुरू होगा। काशी के इन मेलों का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है। जिस पर इस स्पेशल कोर्स के जरिए छात्र-छात्राएं शोध कर सकेंगें। देश के अलावा विदेश छात्र भी इस कोर्स में एडमिशन ले सकेंगे। विभाग की ओर से इस संबंध में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
छात्रों में उत्साह
बीएचयू में शुरू होने वाले इस अनोखे कोर्स से छात्रों में भी खासा उत्साह है। संकाय के छात्र पतंजलि पांडेय ने बताया कि काशी के मेलों और त्योहारों को हम लोग देखते जरूर हैं। लेकिन अब पढ़ाई के जरिए उसे हम और करीब से जान सकेंगे।
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