यूं तो बनारस में देश के राष्ट्रपति का आगमन होता रहा है लेकिन यह पहली बार है कि बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) में राष्ट्रपति तीन दिन तक ठहरेंगे। यह पहला ऐसा अवसर व सौभाग्य बरेका को मिलने जा रहा। 23 अप्रैल 1956 में देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने तब डीरेका (डीजल रेल इंजन कारखाना हुआ करता था) की आधारशिला रखी थी।
इसके बाद किसी भी राष्ट्रपति का बरेका में आगमन नहीं हुआ था। करीब 65 साल के बाद बरेका में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का आगमन हुआ है। इस उपलब्धि को लेकर बरेका परिसर में उत्साह है। बरेका कर्मियों के अनुसार यह गौरवशाली क्षण है।
बरेका देश की सबसे प्रतिष्ठित रेल इंजन बनाने वाली सरकारी उपक्रम है। विश्व में पहली बार डीजल रेल इंजन को इलेक्ट्रिक इंजन में बदलने का गौरव भी बरेका को प्राप्त है। जनवरी 1964 में प्रथम रेल इंजन राष्ट्र को समर्पित हुआ था।
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