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Noida News: किसी में एसटीपी है ही नहीं तो कहीं मिला बंद, 69 सोसायटियों पर जुर्माना

नोएडाशहर में जल प्रदूषण रोकने के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का संचालन न करने वाली 69 सोसायटी पर नोएडा अथॉरिटी ने जुर्माना लगाया है। हर एक सोसायटी पर जुर्माना 2.50 से 3.50 लाख रुपये का है। इन सोसायटी का निरीक्षण अथॉरिटी की टीम ने अगस्त व सितंबर में किया था। इनमें जिन सोसायटी में एसटीपी बंद मिला था या मिला ही नहीं था उन पर कार्रवाई के लिए सूची बनाई गई थी। जुर्माने की गणना के लिए अथॉरिटी ने फाइल प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को भेजी थी। अब जुर्माना तय होने के बाद अथॉरिटी ने नोटिस जारी कर दिए हैं। अथॉरिटी के जल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि करीब 24 और सोसायटी पर जुर्माना लगाया जाना है। जुर्माना कितना होगा इसकी गणना को फाइल भेज दी गई है।एनजीटी के निर्देश के आधार पर हुए निरीक्षणअथॉरिटी ने एनजीटी के निर्देश के पालन में सोसायटी का यह निरीक्षण करवाया था। निरीक्षण में यह बात सामने आई थी कि कई हाईराइज सोसायटी में सीवर को नाले से जोड़ दिया गया है। वहीं कई जगह पर सीवर पास के खाली प्लॉट में बहाया जा रहा है। कुछ एक जगह बिल्डर ने थोड़ी दूर के लिए एक नाला बना रखा है। नाले में बहाया जाना वाला सीवर फिर यमुना में पहुंचता है। इससे प्रदूषण और बढ़ गया था। निरीक्षण के आधार पर अथॉरिटी पहले भी इन सोसायटी को नोटिस जारी कर चुकी है। अब जुर्माने की नोटिस भेजी गई हैं। इसके साथ ही यह भी निर्देश दिए गए हैं कि एसटीपी के संचालन की व्यवस्था दुरुस्त करवाई जाए।रेजिडेंट्स को भरना होगा लापरवाही का खामियाजाकिसी भी ग्रुप हाउसिंग या आवासीय प्रॉजेक्ट की ओसी जारी करने की शर्त में एसटीपी जरूरी है। कई सोसायटी में बिल्डर ने एसटीपी ही नहीं बनवाया लेकिन ओसी सर्टिफिकेट अथॉरिटी से जारी हुआ। बिल्डर ने फ्लैट में कब्जा दिया फिर सोसायटी एओए को हैंडओवर हो गई। कई प्रॉजेक्ट में तो बिल्डर लापता हैं या जेल में है। अब शहर में प्रदूषण रोकने के लिए एसटीपी का संचालन तो जरूरी है लेकिन इन प्रॉजेक्ट में क्या होगा यह बड़ा सवाल बना हुआ है। एक तरह से इन सोसायटी के रेजिडेंट्स ही अथॉरिटी की लापरवाही और बिल्डर की मनमानी का खामियाजा भुगतने को मजबूर हैं।