उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट प्रथम रवि यादव की अदालत ने दुष्कर्म के दोषी को मौत की सजा सुनाते हुए अपराध की भयावहता और उसके सामाजिक प्रभाव को लेकर बेहद तल्ख टिप्पणी की। फैसले के जरिये समाज को नसीहत देने की भी कोशिश की। कोर्ट ने कहा कि ऐसी घटनाएं समाज को हिला कर रख देती हैं। सामाजिक समरसता भी प्रभावित होती है। जिस समाज में ऐसी घटना होती है, उस समाज के लोगों में एक-दूसरे पर विश्वास कम हो जाता है।
हर व्यक्ति संदेह के घेरे में रहता है। समाज में भय, अस्थिरता और अविश्वास की भावना जन्म लेती है। संयुक्त रूप से पूरे समाज की आशा प्रशासन व न्यायपालिका से रहती है। ऐसे जघन्य व घृणित अपराध को अंजाम देने वालों को कठोरतम दंड दिया जाना ही उचित है। कोर्ट ने फैसले के लिए मोहम्मद मन्नान उर्फ अब्दुल मन्नान बनाम बिहार राज्य, बसंत संपत दुपारे बनाम महाराष्ट्र सरकार, दीपक राय बनाम स्टेट ऑफ बिहार सहित कई अन्य मुकदमों में उच्चतम न्यायालय के फैसलों को आधार बनाया। देखें अगली स्लाइड्स…।
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