कुंभ-2019 में सभी 13 अखाड़ों समेत 16 मठों-आश्रमों को संत-भक्त निवास के लिए दिए गए करोड़ों रुपये के खर्च का ब्योरा न मिलने पर आयकर विभाग ने नोटिस जारी किया है। कुंभ के दौरान सरकार की ओर से दी गई इस रकम के उपयोग की जांच की जा रही है। इस मामले में अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य जगद्गुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती को भी नोटिस जारी किया गया है।कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स एक्जम्शन की ओर से सभी तेरह अखाड़ों के अलावा शहर के दो प्रमुख मठों को नोटिस जारी कर संत निवास के नाम पर जारी की गई एक-एक करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि के इस्तेमाल के बारे में जानकारी मांगी गई है। आयकर विभाग की ओर से कहा गया है कि सरकार की ओर से दिव्य कुंभ-भव्य कुंभ के दौरान श्रद्धालुओं और संतों को ठहरने के लिए संत निवास और रसोई घर के निर्माण में कितने रुपये खर्च किए गए, इसके उपयोग का विवरण अखाड़ों ने अब तक नहीं दिया है।
जिन अखाड़ों को नोटिस जारी किया गया है उनमें पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी, पंच अटल अखाड़ा, पंचायती अखाड़ा निरंजनी, तपोनिधि आनंद अखाड़ा, पंचदशनाम जूना अखाड़ा, पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा, पंचदशनाम पंच अग्नि अखाड़ा के अलावा बैरागी संप्रदाय के दिगंबर अनी अखाड़ा, निर्वाणी अनी अखाड़ा और पंच निर्मोही अनी अखाड़ा शामिल हैं।
इनके अलावा उदासीन संप्रदाय के पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़ा, पंचायती अखाड़ा नया उदासीन और निर्मल पंचायती अखाड़ा के नाम आयकर विभाग ने नोटिस जारी किया है। आयकर विभाग ने इसी मामले में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का बाघंबरी गद्दी मठ, अरैल स्थित सच्चा बाबा आश्रम, अलोपी बाग मंदिर परिसर व ब्रह्म निवास शंकराचार्य आश्रम को भी नोटिस जारी किया है। मठों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सीएंडडीएस को कार्यदायी संस्था नियुक्त किया गया था।
कुंभ-2019 में सभी 13 अखाड़ों समेत 16 मठों-आश्रमों को संत-भक्त निवास के लिए दिए गए करोड़ों रुपये के खर्च का ब्योरा न मिलने पर आयकर विभाग ने नोटिस जारी किया है। कुंभ के दौरान सरकार की ओर से दी गई इस रकम के उपयोग की जांच की जा रही है। इस मामले में अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य जगद्गुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती को भी नोटिस जारी किया गया है।
कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स एक्जम्शन की ओर से सभी तेरह अखाड़ों के अलावा शहर के दो प्रमुख मठों को नोटिस जारी कर संत निवास के नाम पर जारी की गई एक-एक करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि के इस्तेमाल के बारे में जानकारी मांगी गई है। आयकर विभाग की ओर से कहा गया है कि सरकार की ओर से दिव्य कुंभ-भव्य कुंभ के दौरान श्रद्धालुओं और संतों को ठहरने के लिए संत निवास और रसोई घर के निर्माण में कितने रुपये खर्च किए गए, इसके उपयोग का विवरण अखाड़ों ने अब तक नहीं दिया है।
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