prayagraj news : खुशी की मौत के मामले की जांच करने की मांग को लेकर प्रदर्शन करते कांग्रेसी।
– फोटो : prayagraj
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उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. नीता साहू ने दो साल की मासूम खुशी मिश्रा की मौत के मामले में अफसोस जताते हुए जल्द ही कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर वह उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष को भी यहां बुलाएंगी और जो भी कार्रवाई हो सकेगी उसे करवाएंगी। उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिया है वह 24 घंटे के भीतर जांच पूरी कर कार्रवाई करे।सोमवार को सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता के दौरान डॉ. नीता ने यूपी के बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष से फोन पर बातचीत भी की। आयोग की सदस्य ने कहा कि जिला प्रशासन को 24 घंटे में जांच कराकर कार्रवाई के लिए कहा था, लेकिन 48 घंटे बीत जाने के बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई न होना गलत बात है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को प्रथम दृष्टया जो भी दोषी है, उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। बाकी, विस्तृत जांच बाद में करते रहना चाहिए। लेकिन अभी तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। यह गंभीर मामला है।उन्होंने खुशी की सर्जरी करने वाले संस्थान की व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए। कहा कि जब संस्थान में बच्चों की सर्जरी करने वाले सर्जन नहीं है तो उस संस्थान ने दो साल की मासूम बच्ची को भर्ती कैसे किया और दोबारा सर्जरी कर दी गई। दोनों बार की गई सर्जरी सफल नहीं हुई, इससे बच्ची की हालत गंभीर हो गई। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन 24 घंटे में मासूम की मौत के मामले में जांच पूरी कर आवश्यक कार्रवाई करे, अन्यथा बाल आयोग ठोस कदम उठाएगा।
उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. नीता साहू ने दो साल की मासूम खुशी मिश्रा की मौत के मामले में अफसोस जताते हुए जल्द ही कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर वह उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष को भी यहां बुलाएंगी और जो भी कार्रवाई हो सकेगी उसे करवाएंगी। उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिया है वह 24 घंटे के भीतर जांच पूरी कर कार्रवाई करे।
सोमवार को सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता के दौरान डॉ. नीता ने यूपी के बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष से फोन पर बातचीत भी की। आयोग की सदस्य ने कहा कि जिला प्रशासन को 24 घंटे में जांच कराकर कार्रवाई के लिए कहा था, लेकिन 48 घंटे बीत जाने के बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई न होना गलत बात है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को प्रथम दृष्टया जो भी दोषी है, उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। बाकी, विस्तृत जांच बाद में करते रहना चाहिए। लेकिन अभी तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। यह गंभीर मामला है।
उन्होंने खुशी की सर्जरी करने वाले संस्थान की व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए। कहा कि जब संस्थान में बच्चों की सर्जरी करने वाले सर्जन नहीं है तो उस संस्थान ने दो साल की मासूम बच्ची को भर्ती कैसे किया और दोबारा सर्जरी कर दी गई। दोनों बार की गई सर्जरी सफल नहीं हुई, इससे बच्ची की हालत गंभीर हो गई। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन 24 घंटे में मासूम की मौत के मामले में जांच पूरी कर आवश्यक कार्रवाई करे, अन्यथा बाल आयोग ठोस कदम उठाएगा।
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