कौशाम्बी के पिपरी कोतवाली के रहीमाबाद स्थित यूनाइटेड मेडिसिटी सेंटर में डॉक्टरों की लापरवाही से बच्ची की मौत के आरोप का मामला तूल पकड़ने लगा है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने डीएम को पत्र लिखकर मामले की पूरी रिपोर्ट मांगी है। डीएम भानु चंद्र गोस्वामी का कहना है कि रिपोर्ट आयोग को भेजी जा रही है। बच्ची के घरवालों की तहरीर पर मामले में पुलिस ने एक चिकित्सक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। शुक्रवार को यूनाइटेड मेडिसिटी के बाहर तीन वर्ष की बच्ची खुशी मिश्रा की मौत को लेकर हंगामा हुआ था। बच्ची के परिजनों का आरोप था कि डॉक्टरों की लापरवाही से बच्ची की जान चली गई। उनका कहना था कि बच्ची के पेट में टांके भी नहीं लगाए गए और उसे अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया। मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने एडीएम सिटी और सीएमओ की दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी।शनिवार को डीएम के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट, एसडीएम सदर तथा सीओ ने बच्ची के घर जाकर परिजनों से पूछताछ की। उधर कौशाम्बी के अपर पुलिस अधीक्षक समर बहादुर सिंह ने बताया कि बच्ची के घरवालों की तहरीर पर आरोपी डॉ. अंकित गुप्ता के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत का कारण स्पष्ट होगा।
कमेटी ने शुरू की जांच
डीएम की ओर से गठित कमेटी के सदस्य एडीएम सिटी अशोक कुमार कनौजिया और सीएमओ डॉ. प्रभाकर राय ने जांच शुरू कर दी। दोनों अफसरों ने बच्ची के परिजनों तथा आरोप में घिरे यूनाइटेड मेडिसिटी हॉस्पिटल प्रशासन से पूछताछ की। सीएमओ का कहना है कि मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार बच्ची की मौत सेप्टीसीमिया से हुई है। उन्होंने बताया कि उसकी आंत में इंफेक्शन था, जिसका ऑपरेशन किया गया लेकिन पस लगातार रिसता रहा। इसकी वजह से दोबारा ऑपरेशन किया गया, लेकिन रिसाव नहीं रुका।इसकी वजह से पेट में टांके नहीं लगाए गए। बच्ची की तबीयत बिगडने पर चिल्ड्रेन में भर्ती कराया गया था लेकिन परिजन बिना बताए बच्ची को लेते गए। मौत कहां हुई इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। वहीं बच्ची के चाचा दिलीप मिश्रा का कहना था कि चिल्ड्रेन हास्पिटल के डॉक्टर ने जवाब दे दिया था। इसके बाद वे लोग बच्ची को एक अन्य निजी अस्पताल ले गए। वहां भी जवाब दे दिया गया। इसके बाद वे लोग बच्ची को लेकर यूनाइटेड अस्पताल ले गए, लेकिन वहां भर्ती नहीं किया गया और बच्ची की मौत हो गई।
ईर्ष्यावश तथ्यों को तोड़-मरोडक़र किया जा रहा प्रस्तुत
यूनाइटेड मेडिसिटी हॉस्पिटल प्रशासन ने बच्ची के इलाज में किसी तरह की लापरवाही के आरोप को सिरे से खारिज किया है। पत्रकार वार्ता में निदेशक डॉ. प्रमोद कुमार ने बताया कि कुछ लोग ईर्ष्या के कारण तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत कर रहे हैं। शुक्रवार को कुछ अराजक तत्वों ने अस्पताल परिसर में पत्थर भी फेंके। उनका कहना है कि मुकेश मिश्रा बच्ची को लेकर 15 फरवरी को आए थे। बच्ची की आंत में इंफेक्शन था।स्थिति संभलने पर पिता मुकेश की स्वीकृति के बाद 24 फरवरी को ऑपरेशन किया गया। पित्त से रिसाव की वजह से दो मार्च को दोबारा ऑपरेशन किया गया। इसकी भी स्वीकृति पिता से ली गई थी। इसके बाद आगे के इलाज के लिए स्वरूपरानी अस्पताल रेफर कर दिया गया और तीन मार्च को ही चिल्ड्रेन अस्पताल में बच्ची को भर्ती कर लिया गया था। निदेशक का यह भी कहना है कि भ्रम फैलाया जा रहा है कि अस्पताल प्रशासन ने मुकेश से दो लाख रुपये लिए हैं। जबकि, मरीज के परिजन ने अस्पताल को मात्र 6370 रुपये ही दिए हैं। शेष राशि हॉस्पिटल के ट्रस्ट ने वहन की है।
चिकित्सकों के पैनल ने किया पोस्टमार्टम
खुशी के शव का पोस्टमार्टम चिकित्सकों के पैनल से कराया गया। जिलाधिकारी अमित कुमार सिंह के निर्देश पर सीएमओ डॉ. पीएन चतुर्वेदी व एसडीएम मंझनपुर पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। तीन चिकित्सक डॉ. अरविंद कनौजिया, डॉ. सुरेंद्र पटेल व डॉ. नीरज कुमार के पैनल ने वीडियोग्राफी के बीच शव का पोस्टमार्टम किया। फिलहाल पुलिस को अब तक मामले की रिपोर्ट नहीं मिल सकी है। (संवाद)
अस्पताल सीज करने की मांग
लापरवाही से बच्ची की मौत के आरोप को लेकर विभिन्न संगठनों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई है। उन्होंने आंदोलन की भी चेतावनी दी। सपा नेता ऋचा सिंह ने जिला प्रशासन की जांच पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि अभी तक अस्पताल के रिकार्ड्स और सीसीटीवी फुटेज कब्जे में नहीं लिए गए हैं। अस्पताल सीज भी नहीं किया गया है। ऋचा ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के अलावा राष्ट्रीय बाल आयोग, मानवाधिकार आयोग, इंडियन मेडिकल काउंसिल को भी पत्र लिखा है।सपा नेता अदील हमजा ने भी अस्पताल को सीज करने के साथ बच्ची के परिजनों को मुआवजा दिए जाने की मांग की। अदील के साथ बच्ची के घर पहुंचे जॉटी यादव, जितेंद्र धनराज, हरेंद्र, इकरार, मुबशीर आदि ने आंदोलन की भी चेतावनी दी। भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट ने अस्पताल सीज करने, आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार करने की मांग की। जिलाध्यक्ष अनुज सिंह ने मांग पूरा नहीं होने पर नौ मार्च को अस्पताल गेट के सामने प्रदर्शन करने और तालाबंदी की चेतावनी दी।
प्रियंका गांधी ने मांगी रिपोर्ट
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बच्ची की मौत के मामले में पार्टी के स्थानीय पदाधिकारियों से पूरी रिपोर्ट मांगी है। शहर कांग्रेस अध्यक्ष नफीस अनवर ने बताया कि पार्टी महासचिव के आदेशानुसार मासूम के मौत के मामले की रिपोर्ट प्रियंका गांधी को भेज दी गई है। उधर, कांग्रेसियों के एक दल ने मंडलायुक्त के नाम का ज्ञापन अपर मंडलायुक्त को सौंपकर पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा, जिम्मेदार डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ ही अस्पताल को सीज करने की भी मांग की।
कौशाम्बी के पिपरी कोतवाली के रहीमाबाद स्थित यूनाइटेड मेडिसिटी सेंटर में डॉक्टरों की लापरवाही से बच्ची की मौत के आरोप का मामला तूल पकड़ने लगा है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने डीएम को पत्र लिखकर मामले की पूरी रिपोर्ट मांगी है। डीएम भानु चंद्र गोस्वामी का कहना है कि रिपोर्ट आयोग को भेजी जा रही है। बच्ची के घरवालों की तहरीर पर मामले में पुलिस ने एक चिकित्सक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
शुक्रवार को यूनाइटेड मेडिसिटी के बाहर तीन वर्ष की बच्ची खुशी मिश्रा की मौत को लेकर हंगामा हुआ था। बच्ची के परिजनों का आरोप था कि डॉक्टरों की लापरवाही से बच्ची की जान चली गई। उनका कहना था कि बच्ची के पेट में टांके भी नहीं लगाए गए और उसे अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया। मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने एडीएम सिटी और सीएमओ की दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी।
शनिवार को डीएम के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट, एसडीएम सदर तथा सीओ ने बच्ची के घर जाकर परिजनों से पूछताछ की। उधर कौशाम्बी के अपर पुलिस अधीक्षक समर बहादुर सिंह ने बताया कि बच्ची के घरवालों की तहरीर पर आरोपी डॉ. अंकित गुप्ता के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत का कारण स्पष्ट होगा।
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