इस बार पीसीएस-2021 में परीक्षार्थियों की संख्या बढ़ने के साथ उनके बीच स्पर्धा भी बढ़ेगी। पीसीएस-2021 के लिए रिकार्ड सात लाख आवेदन आए हैं। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) पदों की संख्या के मुकाबले अभ्यर्थियों को अगले चरण के लिए उत्तीर्ण किए जाने का मानक भी बदल चुका है और पिछली भर्ती परीक्षाओं के मुकाबले इस बार पदों की संख्या भी कम है। ऐसे में अभ्यर्थियों के लिए आगे की राह और ज्यादा कठिन होनी जा रही है।पीसीएस-2019 से पहले तक प्रारंभिक परीक्षा में पदों की संख्या के मुकाबले 18 गुना अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए क्वालीफाई कराया जाता था। वहीं, मुख्य परीक्षा में पदों की संख्या के तीन गुना अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए क्वालीफाई कराया जाता था। पीसीएस-2019 से इस मानक में परिवर्तन कर दिया गया।
अब प्रारंभिक परीक्षा में 13 गुना और मुख्य परीक्षा में दो गुना अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया जाता है। बदले हुए मानक के बीच पीसीएस के 400 पदों पर भर्ती के लिए आयोग को रिकार्ड सात लाख आवेदन मिले हैं। हालांकि प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम घोषित होने तक पदों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है, लेकिन विज्ञापन 400 पदों पर भर्ती के लिए जारी किया गया था और इस हिसाब से एक पद के लिए 1750 दावेदार हैं और इनमें से प्रारंभिक परीक्षा में केवल 13 अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए सफल घोषित किया जाएगा।
आवेदनों की संख्या बढ़ने के कई कारण
पीसीएस परीक्षा में आवेदनों की संख्या लगातार बढ़ रही है। विशेषज्ञ इसके पीछे कई कारण मान रहे हैं। अन्य राज्यों की महिला अभ्यर्थियों को क्षैतिज आरक्षण में जगह मिलने, पैटर्न में बदलाव, भर्ती परीक्षाओं के पटरी पर आने और यूपीपीसीएस में पदों की संख्या अधिक होने के कारण दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों का रुझान यूपीपीएससी की ओर बढ़ा रहा है।
यूपीपीएससी का पैटर्न संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा की तर्ज पर वर्ष 2018 से लागू कर दिया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को अपने मूल्यांकन के लिए यूपीपीसीएस से बेहतर कुछ नहीं मिलेगा। सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे तमाम ऐसे अभ्यर्थी जो पहले यूपीपीएससी का फॉर्म नहीं भरते थे, अब वे दावेदारों में शामिल होने लगे हैं, क्योंकि एक ही पैटर्न पर एक साथ दो बड़ी भर्ती परीक्षाओं की तैयारी हो रही है।पटरी पर भर्ती परीक्षाएंउत्तर प्रदेश में पहले पीसीएस की भर्ती पूरी होने में तीन साल तक का समय लग जाता था, लेकिन अब एक से डेढ़ वर्ष में भर्ती पूरी हो जा रही है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग का परीक्षा कैलेंडर अब संघ लोक सेवा आयोग के परीक्षा कैलेंडर को टक्कर दे रहा है। इसके साथ ही अन्य राज्यों की तुलना में उत्तर प्रदेश पदों की संख्या भी काफी अधिक होती है। इस वजह से भी यूपीपीसीएस का फॉर्म भरने वालों में दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों की संख्या तेजी से बढ़ी है।क्षैतिज आरक्षण क्षैतिज आरक्षण में पहले उत्तर प्रदेश की महिलाओं को ही शामिल किया जाता था, लेकिन पिछले चार वर्षों से अन्य राज्यों की महिलाओं को भी क्षैतिज आरक्षण में शामिल कर लिया गया है। ऐसे में दूसरे राज्यों से यूपीपीएससी के लिए आवेदन करने वाली महिला अभ्यर्थियों की संख्या में भी इजाफा हुआ है।
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