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Kanpur News: बिकरू कांड को अंजाम देने के बाद मार्केट में खरीददारी कर रहा था खास गुर्गा प्रभात, विकास दुबे के लिए खरीदे थे कपड़े

सुमित शर्मा, कानपुर कानपुर के बिकरू कांड (Bikaru Kand) की यादें आज भी लोगों की जहन में ताजा हैं। बिकरू कांड से जुड़े कई रहस्यों से धीरे-धीरे पर्दा उठ रहा है। कुख्यात अपराधी विकास दुबे (Vikas Dubey) पुलिसकर्मियों की हत्याकांड को अंजाम देने के बाद अमर दुबे और प्रभात मिश्रा (Prabhat Mishra) के साथ रसूलाबाद भाग गया था। हत्याकांड के दूसरे दिन प्रभात मिश्रा रसूलाबाद में घूम-घूम कर मार्केट में खरीददारी कर रहा था। प्रभात ने विकास दुबे और अमर दुबे के लिए भी कपड़े खरीदे थे। दुर्दांत अपराधी विकास दुबे ने 2 जुलाई की रात अपने गुर्गों के साथ मिलकर आठ पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी थी। वारदात को अंजाम देने के बाद विकास दुबे, प्रभात मिश्रा और अमर दुबे के साथ फरार हो गया था। एसटीएफ बीते 1 मार्च को विकास दुबे 7 मददगारों को अरेस्ट किया था। मददगारों ने बिकरू कांड के बाद के रहस्यों से पर्दा उठाया है। क्या था फरार होने का रोडमैपआठ पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद विकास दुबे, अमर दुबे और प्रभात मिश्रा शिवली नदी पुल पहुंचे थे। प्रभात ने अपने दोस्त विष्णु कश्यप को शिवली नदी पर बुलाया था। प्रभात ने विष्णु से कार का इंतजाम करने के लिए कहा था। विष्णु कश्यप अपने दोस्त की स्विफ्ट कार लेकर कैलई मार्ग पर पहुंचा था। बीते 3 जुलाई सुबह लगभग 4 बजे विकास दुबे, प्रभात मिश्रा, अमर दुबे, विष्णु कश्यप के साथ कार में सवार होकर भाग गए थे। विष्णु कश्यप तीनों को रसूलाबाद स्थित अपने बेहनोई रामजी के घर ले गया था। मुंह में मास्क लगाकर मार्केट करने गया था प्रभात मिश्राबिकरू कांड की अगली सुबह विकास दुबे, प्रभात मिश्रा और अमर दुबे की रसूलाबाद में हुई थी। तीनों कपड़ो में खून के धब्बे थे और मिट्टी से सने हुए थे। विकास दुबे ने कपड़े बदलने के लिए कहा था। तीन जुलाई 2020 लगभग 11 बजे प्रभात मुंह में मास्क लगाकर रामजी के साथ बाइक से रसूलाबाद में खरीददारी करने के लिए गया था। प्रभात ने रसूलाबाद बाजार से विकास दुबे और अमर दुबे और खुद अपने लिए अंडर गारर्मेंट, लोअर और टी शर्ट खरीदे थे। दोपहर तक तीनों रामजी के घर पर रूके थे। दोहपर बाद तीनों रामजी के साथ करियझाला मजरा स्थित एक आम की बगिया में पहुंचे थे। रामजी के मिलने वाले अर्पित मिश्रा ने विकास दुबे, प्रभात और अमर को अपने खेत में बने ट्यूवेल में रूकवाया था। इसके बाद मंगलपुर में रहने वाले शुभम पाल से संपर्क किया था। शुभम ने तीनों को दो दिनों तक सुरक्षित स्थान पर ठहराया था। बीते पांच जुलाई की देरशाम को शुभम ने तीनों को औरैया में छोड़ दिया था। इसके बाद तीनों औरैया से फरीदाबाद चले गए थे, और फरीदाबाद पहुंचने के बाद फिर तीनों अलग-अलग शहरों के लिए रवाना हो गए थे। कानपुर देहात पुलिस सवालों के घेरे मेंएसटीएफ की पूछताछ में रामजी ने कई खुलासे किए है। बिकरू कांड को अंजाम देने के बाद विकास दुबे दोनों खास गुर्गो के साथ लगभग 70 घंटे तक कानपुर देहात में घूमता रहा। हाई एलर्ट होने के बाद भी कानपुर देहात पुलिस उसको पहचान नहीं पाई। कानपुर देहात पुलिस सवालों के घेरे में है।