मुख्यमंत्री Yogi Adityanath ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के विकास की यात्रा को साझा करते हुए कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को उजागर किया। उनके अनुसार, 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में अराजकता, अव्यवस्था और अपराध का माहौल था, जिसका मुख्य कारण पूर्ववर्ती सरकार की संकीर्ण सोच और दृष्टिहीनता थी। आज प्रदेश में कानून का राज और निवेश का अनुकूल वातावरण स्थापित हो चुका है, जिससे उत्तर प्रदेश अब भारत का ‘ड्रीम डेस्टिनेशन’ बन गया है।
पूर्ववर्ती सरकार की आलोचना और वर्तमान सरकार की सफलताएँ
मुख्यमंत्री Yogi Adityanath ने विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि जिन लोगों के लिए उत्तर प्रदेश में निवेश की संभावनाएँ सोचना भी असंभव था, वे अब देख सकते हैं कि उनकी सरकार ने असंभव को संभव करके दिखाया है। फरवरी 2023 में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान प्रदेश को 40 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इनमें से 10 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के प्रस्ताव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर कमलों से धरातल पर उतर चुके हैं।
औद्योगिक विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
हाल ही में लोकभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी ने 32 औद्योगिक इकाइयों को 1,333 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि वितरित की और 4,500 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश हेतु 10 औद्योगिक इकाइयों को लेटर ऑफ कम्फर्ट प्रदान किया। उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि उस समय प्रदेश में दंगे और कर्फ्यू की स्थिति सामान्य थी, और जब व्यक्ति ही सुरक्षित नहीं था, तो पूंजी की सुरक्षा कैसे संभव थी?
आर्थिक सुधार और निवेशकों के लिए सहूलियत
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि उनकी सरकार ने ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ और ‘ईज ऑफ लिविंग’ की स्थिति को बेहतर बनाया है। प्रदेश में 27 सेक्टोरियल पॉलिसी लागू की गई हैं, जिनके निर्माण में स्टेकहोल्डर्स से सुझाव लिए गए हैं। सरकार ने उद्यमियों की समस्याओं के समाधान के लिए 125 सीएम फेलो नियुक्त किए हैं, जो औद्योगिक विकास विभाग के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। अपराध, अपराधी और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है।
बुनियादी ढाँचे में सुधार और भविष्य की योजनाएँ
सीएम Yogi Adityanath ने कहा कि उत्तर प्रदेश अब भारत के विकास का बैरियर नहीं है बल्कि पीएम मोदी के 2047 तक विकसित भारत बनाने के संकल्प को सिद्धि तक पहुंचाने के लिए ग्रोथ इंजन के रूप में कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री और इंस्टीट्यूशन के जुड़ने से स्किल डेवलपमेंट का बेहतरीन प्लेटफार्म तैयार होता है। इसके तहत, पीएम और सीएम इंसेंटिव योजना के अंतर्गत युवाओं को आधा मानदेय सरकार द्वारा दिया जाएगा।
सरकार ने 36,000 एकड़ भूमि पर झांसी और कानपुर के बीच नए औद्योगिक शहर ‘बीडा’ को बसाने की योजना को आगे बढ़ाया है। इसके साथ ही, जेवर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण हो रहा है। बीडा के बसने के बाद वहां एयरपोर्ट की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।
लखनऊ और आसपास के 6 जनपदों को जोड़कर स्टेट कैपिटल रीजन बनाने की योजना है। प्रदेश के सभी 75 जनपदों में बिना भेदभाव के बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। इंडस्ट्री को ओपन एक्सेस की सुविधा दी गई है, जिससे वे रिन्यूएबल एनर्जी के माध्यम से भी ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं। विगत साढ़े सात वर्षों में प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार किया गया है, जिसमें एक्सप्रेसवे, हाईवे और हवाई कनेक्टिविटी शामिल हैं।
सरकारी प्रयासों और विकास की दिशा
इस कार्यक्रम में वित्त एवं संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना, औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’, राज्य मंत्री जसवंत सिंह सैनी, आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स के राज्य मंत्री अजीत पाल, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास अनिल सागर, निवेशक एवं अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे। इन सभी प्रयासों और योजनाओं के साथ, उत्तर प्रदेश ने विकास की नई ऊँचाइयों की ओर कदम बढ़ाया है और आगे भी यही उम्मीद है कि यह राज्य भारतीय विकास की कहानी में एक महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ता रहेगा।