एटा. उत्तर प्रदेश के एटा में सरकारी सिस्टम की वजह से एक मरीज की मौत का मामला सामने आया है। जहां मरीज की टैबियत पर वैलेंस ने उसे मेडिकल कॉलेज ले जाने के लिए 108 पर कॉल किया, लेकिन स्पीकर ने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद जबरदस्ती उसे सब्जी के ठेले लेकर क्षेत्र के मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। आरोपियों का आरोप है कि अगर सेक्रेटरी समय से पहुंच गया तो जान बच सकती थी।
मृतक के बेटे अमन के मुताबिक, उसके 50 साल के पिता सब्जी बेचने का काम करते थे। सोमवार को दो बजे वह घर से सब्जी की दुकान पर गया, इस दौरान बिस्तर पर बैठा और घर से बातचीत कर रहे थे। अचानक से बेड पर बैठे-बैठे बेसुध में गिर गए, जिसके बाद घर वालों ने उन्हें मेडिकल कॉलेज ले जाने के लिए 108 डायरिया में दाखिला लेने के लिए बुलाया, लेकिन ऊपर से कहा गया कि ट्रेनिंग नहीं मिल रही है। इसी तरह करीब 3 बार कॉल करने के बाद जब स्पाइसर ने स्पाइसर नहीं बनाया तो एस्सेल ने खुद ही उन्हें ले जाने का फैसला किया।
इसके बाद मृतकों के परिजनों ने उन्हें सब्जी थेले से लेकर दोपहर करीब एक बजे मध्य प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में ले जाकर देखा, जहां मृतकों ने उन्हें देखा और मृत घोषित कर दिया। इस मामले पर ऑटोमोबाइल डॉ. मेथिल ट्राइ का कहना है कि, हाथथेल से मरीज मेडिकल कॉलेज पहुंच, ले जाया गया कोई रास्ता नहीं। मामला गंभीर है, कॉल डिटेल निकलवाकर मामले की जांच की जाएगी। जो भी आरोप लगाएगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।
लल्लूराम.कॉम के नेटफ्लिक्स चैनल को लाइक न करना.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H
और पढ़ें- स्वास्थ्य मंत्रालय ने जीका वायरस का जायजा लेने के लिए केरल में एक विशेषज्ञ टीम तैनात की
छत्तीसगढ़ की खबरें यहां पढ़ें क्लिक करें
उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें