उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा (AK Sharma ) ने शनिवार को वाराणसी के सर्किट हाउस सभागार में एक बेहद अहम बैठक की। इस बैठक का उद्देश्य पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (Purvanchal Vidyut Vitaran Nigam Limited) द्वारा संचालित विद्युत आपूर्ति व्यवस्थाओं का व्यापक समीक्षा करना था। इस मौके पर मंत्री शर्मा ने कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए और खासकर काशी जैसे प्रमुख धार्मिक स्थल पर विद्युत आपूर्ति को अविरल और बिना रुके देने के लिए कुछ महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा की।
काशी को ‘ट्रिपिंग फ्री जोन’ बनाने का ऐलान
काशी, जिसे विश्वभर में धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है, उसकी बिजली आपूर्ति की समस्याओं को लेकर ऊर्जा मंत्री ने विशेष ध्यान दिया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि काशी को ‘ट्रिपिंग फ्री जोन’ यानी ऐसा क्षेत्र बनाना चाहिए जहां बिजली की आपूर्ति में किसी भी प्रकार की रुकावट न हो। इस प्रस्ताव का लक्ष्य है कि काशी में भक्तों और स्थानीय निवासियों को निर्बाध और स्थिर बिजली आपूर्ति मिले, जिससे शहर की गरिमा और विकास दोनों को बढ़ावा मिले।
धार्मिक स्थलों पर डबल सोर्स की व्यवस्था का निर्देश
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने धार्मिक स्थलों की महत्ता को समझते हुए इन क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति के लिए डबल सोर्स यानी दो अलग-अलग स्रोतों से बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने की आवश्यकता को प्रमुखता से बताया। उनका मानना था कि काशी जैसे प्रमुख धार्मिक स्थल पर यह व्यवस्था लागू करने से आपातकालीन परिस्थितियों में भी बिजली आपूर्ति बाधित नहीं होगी। मंत्री ने कहा, “भक्तों और पर्यटकों के लिए ऐसी सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए जिससे उनकी यात्रा पूरी तरह से सुखद और निर्बाध हो।”
उपभोक्ताओं के लिए बेहतर सेवा का संकल्प
मंत्री शर्मा ने बैठक में उपभोक्ताओं की समस्याओं के समाधान के लिए भी कई दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बिजली बिलों को समय पर उपलब्ध कराना और उनके बारे में उपभोक्ताओं की शिकायतों का त्वरित और संवेदनशील निस्तारण किया जाए। उपभोक्ताओं की संतुष्टि के लिए कार्य करने का संकल्प लिया गया, ताकि वे किसी भी समस्या के समाधान के लिए किसी भी समय संपर्क कर सकें और उनकी समस्या का शीघ्र समाधान हो सके।
अधिकारीयों से योजना का समावेश और समीक्षा
इस बैठक में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक शंभू कुमार के साथ ही निदेशक वाणिज्य, मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता और अधिशासी अभियंता भी मौजूद रहे। इन अधिकारियों ने विभाग द्वारा पिछले वर्षों में किए गए कामों और वर्तमान योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की। एके शर्मा ने हर स्तर के अधिकारियों से पूछा कि उनके क्षेत्र में आपूर्ति की व्यवस्था का स्तर क्या है और पिछले वर्षों की तुलना में उसमें क्या सुधार हुआ है।
योजनाओं की समीक्षा से स्पष्ट दिशा
बैठक के दौरान, मंत्री शर्मा ने विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की जो कि बिजली आपूर्ति के सुधार और उपभोक्ता सेवाओं में सुधार के लिए बनाई गई हैं। उन्होंने यह भी बताया कि प्रत्येक क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए एक सख्त कार्ययोजना बनानी होगी। उपभोक्ताओं के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए डिजिटल सेवाओं को बढ़ावा देने का सुझाव भी दिया गया, जिससे बिलिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता आए और उपभोक्ताओं को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।
ऊर्जा मंत्री का दूरदर्शिता और संकल्प
यह पहली बार नहीं है जब ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बिजली आपूर्ति के मामलों को गंभीरता से लिया है। उनके नेतृत्व में कई योजनाएं पहले ही लागू हो चुकी हैं, जैसे कि ट्रांसफार्मर की त्वरित मरम्मत, 24 घंटे बिजली आपूर्ति की योजना, और बिलिंग प्रणाली का डिजिटलीकरण। उनका दृष्टिकोण भविष्य में यूपी की ऊर्जा सेक्टर को और अधिक सशक्त और उपभोक्ता केंद्रित बनाने की दिशा में है।
काशी का महत्व और ऊर्जा का सहयोग
काशी का महत्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टिकोण से भी है। यहां पर प्रतिदिन लाखों भक्त और पर्यटक आते हैं। ऐसे में बिजली की बिना रुकावट वाली आपूर्ति से न केवल उनकी यात्रा की सुख-सुविधा बढ़ेगी बल्कि काशी का नाम विश्व स्तर पर एक आदर्श शहर के रूप में उभरकर सामने आएगा।
आगामी योजना और भविष्य की दिशा
मंत्री शर्मा ने भविष्य में बिजली आपूर्ति व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए कुछ अन्य परियोजनाओं का भी संकेत दिया। इन योजनाओं में सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा देना, स्मार्ट मीटरिंग सिस्टम की व्यापकता, और विद्युत लाइन की मजबूती जैसे कदम शामिल हैं।
विपरीत परिस्थितियों के बावजूद मंत्री एके शर्मा ने यह स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश सरकार बिजली आपूर्ति को लेकर अपने कर्तव्यों में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। इस प्रकार के उपायों से न केवल काशी बल्कि समूचे प्रदेश में बिजली की स्थिति में व्यापक सुधार होगा।