प्रदेश के वन राज्य मंत्री(स्वतंत्र प्रभार) श्री अरूण कुमार सक्सेना ने कहा कि आगामी 08 अगस्त से 15 अगस्त तक हरिशंकरी सप्ताह मनाया जायेगा। साथ ही 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 05 करोड़ पौधों का रोपण व अमृत वन की स्थापना करायी जायेगी। उन्होंने कहा कि अमृत वन की स्थापना हेतु 43003 स्थल चयनित किये जा चुके हैं। इन स्थलों पर 34 लाख 23 हजार 911 पौधों का रोपण किया जाना है। उन्होंने निर्देश दिए कि पौधरोपण के साथ ही पौधों की सुरक्षा को विशेष प्राथमिकता दी जाये।
श्री सक्सेना ने आज वन मुख्यालय पर हरिशंकरी सप्ताह एवं अमृत वन की स्थापना की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त को झण्डारोहण और राष्ट्रगान के पश्चात समस्त ग्राम पंचायतों में आजादी के अमृत महोत्सव हेतु चयनित स्थलों पर वृक्षारोपण किया जाये। उन्होेंने कहा कि प्रत्येक ग्राम सभा व शहरी निकाय में अमृत वन की स्थापना करायी जानी है। अमृत वन में 75 स्थानीय प्रजातियों के पौधों का रोपण किया जायेगा, जिसमें पीपल, पाकड़, नीम, बेल, आंवला, आम, कटहल एवं सहजन के पौधों के रोपण को वरीयता दी जाये।
वन मंत्री ने निर्देश दिए कि अमृत वन के स्थापना हेतु स्वतंत्रता संग्राम की घटनाओं/सेनानियों से संबंधित स्थलों एवं अमृत सरोवर के आस पास पौधरोपण को विशेष प्रमुखता दी जाये। प्रत्येक विधानसभा में भव्य कार्यक्रम का आयोजन कराया जाये। इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधि स्क्ूली बच्चों एवं स्काउट गाइड के विद्यार्थियों को खासतौर से आमंत्रित किया जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश के समस्त चिड़ियाघरों में स्वतंत्रता सप्ताह के दौरान पेंटिंग, निबंधलेखन, स्लोगन लेखन, प्रभात फेरियों तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाये। साथ ही साथ प्रदेश में स्थित वन विभाग के समस्त कार्यालयों में आकर्षक लाइटिंग की व्यवस्था की जाये।
वन मंत्री ने कहा कि 08 से 15 अगस्त के मध्य प्रत्येक मण्डल मुख्यालय पर हरिशंकरी के पौधों का रोपण किया जाना है। इस कार्यक्रम में सरकारी, गैरसरकारी संस्थायें, लोकभारती, रोटरी क्लब आदि की सहभागिता प्रमुखता से सुनिश्चित कराई जाये। उन्होंने निर्देश दिए कि हरिशंकरी रोपण सप्ताह की सुगम आयोजन हेतु वन विभाग द्वारा समस्त मण्डल मुख्यालयों पर स्थानीय सामाजिक संगठनों के साथ बैठक कर समय से आवश्यक तैयारियां पूर्ण करा ली जाये। उन्होंने यह भी कहा कि हरिशंकरी पौधों की जियोटैगिंग हेतु हरीतिमा वन मोबाइल एप्लीकेशन को अपडेट रखा जाये।
बैठक में अपर मुख्य सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन श्री मनोज सिंह एवं वरिष्ठ विभागीय अधिकारी उपस्थित थे तथा प्रदेश भर के मण्डलीय वनाधिकारी वर्चुअल जुड़े थे।