राजस्थान के राज्यपाल कल्याण ङ्क्षसह ने अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री और सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई।
अल्बर्ट हॉल पर आयोजित भव्य शपथ ग्रहण कार्यक्रम में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी सहित कई वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में गहलोत और पायलट ने हिन्दी में शपथ ली। पायलट ने चूनरी का साफा पहन कर अपना देशी अंदाज दिखाया। शपथ ग्रहण से पहले और बाद में दोनों नेताओं के पक्ष में जोरदार नारेबाजी हुई।
मंच पर मौजूद गांधी से मिलने के लिए नेताओं का तांता लगा रहा। आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चन्द्र बाबू नायडू, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन ङ्क्षसह एवं देवेगोड़ा, जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला, डीएमके नेता एम के स्टालिन, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी, जदयू के नेता शरद यादव, राष्ट्रवादी कांग्रेस के शरद पवार सहित कई नेता शपथ के साक्षी बने।
गांधी ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित कई नेताओं से मुलाकात की।
कर्नाटक में गठबंधन सरकार बनाने के बाद हाल ही में हुए पांच राज्यों में से तीन पर कांग्रेस की जीत से गैर कांग्रेसी नेताओं का कांग्रेस के प्रति झुकाव हुआ हैं। शपथ ग्रहण समारोह में सोमवार को उनकी उपस्थिति ने विपक्षी एकता को मजबूती दी हैं। आने वाले लोकसभा चुनाव में विपक्षी एकता की क्या तस्वीर बनेगी यह तो भविष्य में ही पता चलेगा लेकिन शपथ ग्रहण समारोह में
(शेष पेज 8 पर)पूरी हुई कसम, पायलट ने सिर पर बांधा साफा
जयपुर। 2014 के लोकसभा चुनाव में राजस्थान से कांग्रेस के साफ हो जाने और खुद अपना चुनाव हारने के बाद सचिन पायलट ने एक कसम खाई थी, वह कसम अब पूरी हो गई है। सचिन ने कसम खाई थी कि कांग्रेस सत्ता में लौटेगी तभी वह अपने सिर पर साफा बांधेंगे। सोमवार को उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पहुंचे सचिन ने अपने सिर पर साफा बांधा।
खुद सचिन ने अपनी कसम के बारे में बताया : पायलट ने पिछले दिनों बताया था कि 2014 में पार्टी की हार के बाद उन्होंने प्रण लिया था कि जब तक कांग्रेस सत्ता में वापसी नहीं करेगी, वह साफा नहीं पहनेंगे। उन्होंने खुद को साफे से दूर करने का फैसला किया जो कि संस्कृति का एक प्रतीक है। उल्लेखनीय है कि राजस्थानी साफा राजस्थान में संस्कृति और परंपराओं का एक अभिन्न हिस्सा है। खासकर चुनाव प्रचार में तो हर पार्टी (शेष पेज 8 पर)गहलोत राजस्थान
के 22वें मुख्यमंत्री
जयपुर। राजस्थान में अशोक गहलोत तीसरी बार तथा राज्य के 22वें मुख्यमंत्री बने हैं। गहलोत वर्ष 1998 में पहली बार मुख्यमंत्री बने और इसके बाद वर्ष 2008 में दूसरी बार मुख्यमंत्री बने।
राज्य में अब तक कांग्रेस की दस बार तथा भारतीय जनता पार्टी की चार बार जबकि एक बार जनता पार्टी की सरकार बनी हैं। राज्य में अब तक कांग्रेस के मोहन लाल सुखाडिय़ा सबसे अधिक चार बार मुख्यमंत्री रहे हैं जबकि कांग्रेस के हरिदेव जोशी भी तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इसी तरह भैरोंङ्क्षसह शेखावत भी तीन बार मुख्यमंत्री बने जिनमें दो बार भाजपा एवं एक बार जनता पार्टी की सरकार में, इनके अलावा कांग्रेस के जयनारायण व्यास एवं शिवचरण माथुर तथा भाजपा की वसुंधरा राजे दो बार मुख्यमंत्री बनी।
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