जोधपुर,17 अगस्त। राजस्थान उच्च न्यायालय ने भंवरी देवी मर्चुरी मामले में पूर्व विधायक मलखान सिंह विश्नोई की जमानत याचिका पर सुनवाई शुरू कर दी है। घटना के समय मलखान सिंह विश्नोई लूणी विधानसभा क्षेत्र के विधायक थे और 10 सागरों से जेल में बंद हैं। भौंरी कांड में मलखान विश्नोई का भाई भी है एक नाबालिग परसाराम विश्नोई, जो मलखान विश्नोई का भाई भी है, को गत 27 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जमानत दे दी गई थी कि रजिस्ट्रेशन में जमानत होने के कारण किसी व्यक्ति को जमानत पर जेल में बंद नहीं किया जा सकता है। है. इसके बाद भंवरी देवी मामले में जेल में बंद अन्य चार लोगों को भी जेल में बंद कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को आधार बनाकर महिपाल मदेरणा, मलखान सिंह विश्नोई, ओमप्रकाश, पुखराज, दिनेश सहीराम, कच्चे राम और अशोक ने कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी।
इस मामले में विधायक लूणी सिंह की ओर से विधायक मलखान सिंह की जमानत याचिका को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। वैसे, इस मामले में भंवरी देवी के पति अमरचंद की ओर से भी जमानत दाखिल की गई थी, लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया था। केस में कुल 17 गिरफ़्तारियाँ हुई। इसके बाद महिपाल और मलखान जेल में बंद कर दिए गए। अगर जमानत मिल गई तो 10 साल बाद मलखान की जेल से बाहर निकलेगा।
जानिए क्या है पूरा मामला
जोधपुर जिले के बिलाड़ा थाने में अमर चंद नाम के एक व्यक्ति ने सितंबर 2011 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी पत्नी मित्रा भंवरी देवी लापता है। साथ ही उन्होंने अपनी पत्नी के सायेत के खतरे का प्रस्ताव रखते हुए राज्य सरकार में मंत्री महिपाल मदेरणा समेत दो तीन लोगों को शक पर छोड़ दिया। इसके बाद यह मेक्सिको में आ गया। मामले में बढ़ते विरोध को देखते हुए राज्य सरकार ने अपनी जांच रिपोर्ट तैयार की है। 3 दिसंबर 2011 को महिपाल मदेरणा से पूछताछ की गई और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में इस मामले में कांग्रेस नेता मलखान सिंह विश्नोई का भी नाम आया। उनसे भी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। विश्वास के अनुसार भंवरी देवी का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी गई। बाद में शव को जला कर उसकी राख को भी राजीव गांधी लिफ्ट नहर बहा दिया गया।
अब तक हुई कार्रवाई
इस मामले की अनचाही अदालत में पेशी की सजा में तीन किस्तों की मौत हो गई। कोर्ट में अब तक इस मामले में 197 गवाहों के बयान पूरे हो चुके हैं। साथ ही सभी के मुल्जिम बयान भी पूरे हो गए हैं। अब इस मामले में बचाव पक्ष अपना प्रतिष्ठित पेश कर रहा है। प्रतीकात्मक पेश करने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद बहस शुरू होगी। बहस पूरी होने के बाद इस बहुचर्चित मामले में अदालत अपना फैसला सुनाएगी।
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