Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

राजस्थान लोकसभा परिणाम 2024: 266 सीटों के भाग्य का फैसला आज, सबसे पहले करौली-धौलपुर के नतीजे

WhatsApp Image 2024 06 03 at 19.23.20 2d0da55f

राजस्थान लोकसभा परिणाम 2024: जयपुर। प्रदेश में 39 दिन से ईवीएम में बंद पिटारा मंगलवार को खुलेगा। इससे भाजपा और कांग्रेस सहित सभी दलों के 266 लोगों के भाग्य का फैसला होगा। राजस्थान के सभी 25 राजकीय मतों की गिनती के लिए 29 केन्द्र बनाए गए हैं। 56 पर्यवेक्षकों की निगरानी सुबह आठ बजे से शुरू होगी। बागीदौरा विधानसभा क्षेत्र में हुए उप चुनावों की मतों की गिनती भी की जाएगी।

राज्य निर्वाचन विभाग ने मतगणना की सभी तैयारियां पूरी कर ली है। प्रदेश में कांग्रेस की 25 सीटों के लिए दो चरणों में मतदान हुआ। पहले चरण में 12 सीटों पर 19 अप्रैल और दूसरे चरण में 13 सीटों पर 26 अप्रैल को मतदान हुआ था।

266 उम्मीदवार राजस्थान की 25 राष्ट्रीय सीटों पर किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें 19 महिलाएं हैं। चुनाव में राष्ट्रीय अध्यक्ष और 4 केंद्रीय मंत्रियों के साथ ही प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के पुत्रों की भी प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। भाजपा ने सभी सीटों पर अकेले ही चुनाव लड़ा था, जबकि कांग्रेस गठबंधन चुनाव मैदान में उतरी थी। पूरे चुनाव में बांडमेर, चूरू और जालोर सीट पर चर्चा रही

पहले चरण में 114 और दूसरे चरण में 152 सूखे मैदान में थे। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में 25 कांग्रेसी नेताओं के लिए 29 गिनती की जाएंगी। जोधपुर, नागौर, करौली, धौलपुर और गंगानगर पर्यटन क्षेत्र में दो-दो केंद्र होंगे। लोकसभा चुनाव में प्रदेश में कुल 3 करोड़ 26 लाख 35 हजार वोट डाले गए हैं। 53 हजार 128 ईवीएम मशीनों को 2713 टेबलों पर 4033 राउंड में मिलेंगी।

राजसमंद में सबसे ज्यादा 28 राउंड

सबसे कम 20 राउंड टोंक-सवाई माधोपुर और सबसे अधिक 28 राउंड राजसमंद प्रशासनिक क्षेत्र में होंगे। प्रदेश में सबसे ज्यादा मतदाता पाली सीट पर 23 लाख 43 हजार 232 थे, जबकि सबसे कम मतदाता दौसा सीट पर 18 लाख 99 हजार 304 थे। लेकिन सबसे ज्यादा वोट बांडमेर सीट पर 16 लाख 75 हजार 287 डाले गए। यहां बाद में एक मतदान केंद्र पर री-पोलिंग हुई उससे मीनार सा बदल जाएगा।

सबसे पहले करौली-धौलपुर का परिणाम

प्रदेश में सबसे कम मतदान करौली-धौलपुर सीट पर हुआ था। इसलिए गिनती के दौरान सबसे पहले उसी सीट के नतीजे आएंगे। चूंकि सबसे ज्यादा मतदान स्पेक्ट्रम आवंटन क्षेत्र में हुआ है, इसलिए वहां के नतीजे सबसे बाद में आएंगे।