राजस्थान समाचार: जोधपुर से तीर्थनगरी पुष्कर की राह करीब दो दशक बाद भी दिखाई दे रही है। अगर तय समय में इस रेलखंड पर काम होता है, तो पश्चिमी राजस्थान को जोड़ने के लिए मेड़ता-पुष्कर रेलवे लाइन का निर्माण शुरू होगा। हालांकि मेडता-पुष्कर की 59 किलोमीटर लंबी रेललाइन के लिए करीब 322 करोड़ का प्रोजेक्ट है।
अब केंद्र सरकार ने रेलवे को वित्तीय वर्ष 2024-25 में इस परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए 50 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। मेड़ता-पुष्कर के बीच रेलवे लाइन बिछुड़ने से मारवाड़-मेवाड़ की दूरियां भी घटती हैं।
अजमेर से तीर्थनगरी रेलवे स्टेशन तक रेलवे मार्ग 59 किमी के बीच में रेलवे लाइन पर 59 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रेलवे बोर्ड ने 13 साल पहले वर्ष 2010-11 में सर्वे भी कराया था। आशा थी कि अजमेर-पुष्कर के बीच नई रेल लाइन शुरू होगी और इस परियोजना पर भी काम शुरू होगा। 2010-11 के सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार लागत 322 करोड़ रुपये की इस परियोजना को 2013-14 में बजट में मिला दिया गया था, लेकिन यह परियोजना आगे ही नहीं बढ़ी पाई।
पूर्व में 1-1 हजार का बजट मिला
मेधा-पुष्कर प्रोजेक्ट के लिए भी प्रमुख रुचि नहीं दिखी। पूर्व में इस परियोजना के लिए बजट में 1-1 हजार रुपए का बजट का अनुमान लगाया गया था। गत वर्ष मेड़ता-पुष्कर रेललाइन परियोजना का बजट 10 करोड़ रुपये रखा गया था। करीब 13 साल की उम्र में इस मेडता-पुष्कर रेललाइन प्रोजेक्ट के लिए घोषित बजट ‘ऊंट के मुंह में जीरा’ वाली बात साबित हुई। इस बार केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए 50 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है।