राजस्थान समाचार: सीकर में सरकारी नौकरी धारक के नाम पर लाखों रुपये की हिस्सेदारी का मामला सामने आया है। बुज़ुर्ग चायवाले ने रेलवे में नौकरी धारकों का किरायेदारों के लिए ऐंठ रखा। जब नौकरी नहीं मिली तब कंसल्टेंट ने पैसे मांगे तो घर चायवाले ने पैसे लौटाने से मना कर दिया।
इसके बाद पीड़ित ने पुलिस को अपनी शिकायत में बताया कि वह सीकर जेल में रसीकी काउंसिल के पद पर है। सीकर जेल के सामने चाय की दुकान वाले हेमपाल सिंह निवासी जम्पन ने कांस्टेबल के बेटे को रेलवे ग्रुप-डी में सरकारी नौकरी धारक के नाम पर साढ़े तीन लाख रुपये ऐंठ दिए।
बिल्डर हेमपाल सिंह की बेटी को जयपुर ले जाया गया और फ़ायरवॉल ओ बिल्डर की दुकान में ताला लग गया। जिसके बाद उनके बेटे हाउसहोल्डर जिद्द करने लगे और कहा- आप हेमपाल सिंह को रुपये दे दो नहीं तो मैं शहीद कर लूंगा।
बेटे के नामांकन पर नवजात कोकॉन्सिल ने 3.50 लाख नकद दिए। जब ग्रुप-डी का रिजल्ट आया तो लड़के का नाम मेरिट लिस्ट में नहीं था। जिसके बाद जब कंसील ने कहा कि तो बेकार ने ऐसा करने से मना कर दिया।