राजस्थान समाचार: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक गांव-ढाणी और कस्बे को जनसंपर्क एवं सीलबंद के लिए पानी उपलब्ध कराना राज्य सरकार का सर्वोच्च अधिकार है। मुख्यमंत्री गुरुवार को जयपुर में स्थित कृषि उपजी मंडी समिति के प्रतिनिधियों के निवास से, ड्रॉपरी में जल जीवन मिशन की कीमत 76.69 करोड़ से अधिक की लागत से कृषि उद्योग समिति (विस्तार चंबल प्रोजेक्ट) के प्रमुख संस्थान के नाम से जाना जाता है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हर स्तर पर पदस्थापना के लिए स्थान-स्थान के लिए प्रयास कर रही है। राज्य सरकार ने जल आपूर्ति की आवश्यक्ताओं को अपने सामुदायिक एवं कार्यक्रम के केन्द्र में रखा है और इस सिद्धांत में समन्वित हो छात्रावास पर तेजी से काम किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने केवल एक ही गंतव्य महीने में ही मध्य प्रदेश एवं केंद्र सरकार के साथ मिलकर ईआरसीपी पर हस्ताक्षर कर इसे क्रियान्वित करने का भागीरथी काम किया है। यह परियोजना पूर्वी राजस्थान के 21 लोगों की प्यास बुझायेगी। साथ ही, हमारी सरकार ने शेखावाटी आंचल के आँचल को पानी उपलब्ध कराने के लिए यमुना जल समझौता भी लागू किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की 8 करोड़ जनता के घर, खेत और दुकान तक पर्याप्त मात्रा में पानी के लिए सरकार के भागीरथी प्रयास जारी रखें। राज्य सरकार इसके लिए धन की कोई कमी नहीं रखेगी।
ड्रमी में 68 हजार और लग्जरी में 2 लाख घर तक पहुंच पानी
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत राईट प्रदेशवासियों को पानी उपलब्ध कराने के लिए तत्परता से कार्य किया जा रहा है। आज जल जीवन मिशन के 35 गांव और 47 ढाणियों को हर घर नल की आजादी मिली है। उन्होंने कहा कि बर्डी जिले में 68 हजार घरों में वर्तमान में पानी की आपूर्ति की जा रही है। वहीं जिला के 74 जिलों में नल से पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी तरह से दस्तावेज़ में 2 लाख घर तक पानी खोजा गया है। वहीं प्रोजेक्ट के 88 क्षेत्र को शत-प्रतिशत नल से जल उपलब्ध हो चुका है। सीएम ने कहा कि 9 हजार 227 घरेलु कनेक्शन जारी करने के लिए जिप्सम वृहद परियोजना के लिए जिप्सम बोर्डिंग जारी की गई है। इस परियोजना से 97 हज़ार से अधिक जनसंख्या वाले गाँव होंगे।
अप्रैल में पूरा होगा नवनेरा बैराज का काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्वती कालीसिंध चंबल परियोजना के मुख्य घटक नवनेरा बैराज का कार्य एक माह में पूरा कर जल संग्रहण का कार्य प्रारंभ हो जायेगा। कालीसिंध नदी पर 226 मिलियन क्यूबिक मीटर के इस बैराज पर तीन गेटों का निर्माण कार्य चल रहा है। नवनेरा बैराज के पूर्ण होने पर पार्वती कालीसिंध परियोजना का कार्य आरंभ होगा। इससे 54 मिलियन क्यूबिक मीटर जल कोटा एवं बूंदी जिले के 6 शहरी क्षेत्र एवं 750 गांवों को प्रिया उपलब्ध हो सकती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 शुरू कर दिया है। इसके लिए लगभग 11 हजार 200 करोड़ का सालाना बजट प्रस्तावित किया गया है।