जोधपुर, 31 अगस्त। बहुचर्चित नक्षत्र भंवरी देवी हत्याकांड की मास्टर माइंड इंद्रा विश्नोई को कुछ दिन जेल में ही रहना होगा। राजस्थान उच्च न्यायालय में मंगलवार को इंद्रा की जमानत याचिका पर अधूरी सुनवाई। इसका अगला अवलोकन 14 सितम्बर को होगा। इस मामले में करीब दस साल तक बंद जेल में बंद रहने वाले 16 अन्य आरोपियों को जमानत मिल गई है और अब सिर्फ इंद्रा ही जेल में बंद है। पूर्व विधायक मलखान विश्नोई की बहन इंद्रा की तरफ से जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी।
जज दिनेश वकील खान ने इंद्रा की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान इंद्रा की जमानत याचिका का विरोध किया। उनका तर्क था कि इंद्रा इस स्क्रिप्ट में शामिल थीं और वह लंबे समय तक लड़खड़ाती रहीं। उसे पैकेट के लिए पांच लाख रुपए तक का मुआवजा घोषित करना प्रदत्त था। जब इसका प्रोजेक्ट लॉन्च किया गया तो इसकी वजह से हाउसकीपिंग में कोई भी व्यक्ति सामने नहीं आया। उन्होंने कोर्ट से संबंधित लेदर पेशिंग के लिए कुछ और समय देने का आग्रह किया। इस पर न्यायाधीश दिनेश मैथ्यू ने अपना अनुरोध स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई की तारीख 14 सितंबर तय कर दी।
इस मामले में सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इंद्रा के भाई परसाराम की जमानत मंजूर की थी। उसे जमानत मिलने के आधार पर अन्य चार को भी उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई। अब सिर्फ इंद्रा ही जेल में है। केस की जांच कर रही एजेंसी को विश्वास है कि इंद्रा इस केस की मास्टर माइंड थी। वह अपनी स्थिरता को पूरा करने के लिए भंवरी के साथ मिलकर परिवार को धोखा दे रही थी। इधर ये भी सामने आया कि भंवरी की मौत में उनका सबसे बड़ा हाथ था। भंवरी केस के बाद इंद्रा ने साढ़े पांच साल तक अलास्का के तट पर रहने वाले नाबालिगों को बंधक बना लिया ताकि पुलिस की पकड़ में ना आ सके। साल 2017 में पांच लाख रुपये की आपूर्ति करने वाली इंद्रा बहुत मुश्किल से पकड़ में आई और वो उसी समय से जेल में है।