राजस्थान: पूर्व नाबालिग ज्योति मिर्धा ने अपने चाचा के खिलाफ दर्ज की गई संपत्ति में फर्जीवाड़े का आरोप लगाया

जोधपुर। राजस्थान की राजनीति में बाबा के नाम से प्रसिद्ध रहे स्व. नाथूराम मिर्धा के परिवार में प्रॉपर्टी को लेकर चल रहा विवाद अब सामने आया है। उनकी पोती और नागौर के पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा ने अपने चाचा पूर्व सांसद भानु मिर्धा और प्रदेश की पूर्व पर्यटन मंत्री उषा पूनिया सहित कुछ अन्य लोगों के खिलाफ अपने हिस्से की जमीन को घर बनाने को लेकर पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया है। ज्योति मिर्धा की तरफ से कहा गया है कि नाथूराम मिर्धा के दो बेटे रामप्रकाश मिर्धा और भानुप्रकाश मिर्धा हैं। ज्योति रामप्रकाश मिर्धा की बेटी हैं और उनका आरोप है कि भानुप्रकाश मिर्धा ने अपने भाई रामप्रकाश मिर्धा के लिए फर्जी हस्ताक्षर कर अपने हिस्से की जमीन बेच दी। साथ ही वहां कॉलोनी के प्लॉट कटर का प्रयास किया गया है।

रिपोर्ट के अनुसार जोधपुर के चौपासनी क्षेत्र में करीब 1000 टिकटें मिर्धा फॉर्म हाउस स्थित है। नाथूराम मिर्धा अमूमन यहां निवास करते थे। उनका दौर क्षेत्र जोधपुर शहर से बाहर था, लेकिन यह शहर के विस्तार के साथ-साथ शहरी सीमा में आया था। इस कारण इस भूमि का दाम बहुत अधिक बढ़ गया। ज्योति का आरोप है कि साल 1988 में उनके चाचा भानु लाइट ने फॉर्म हाउस की चार बंगले वाली जमीन भंवरलाल को बेच दी। भंवरलाल ने इस भूमि पर कॉलोनी कटर का निर्णय लिया। लेकिन जो हिस्सा लिया गया, वह रामप्रकाश मिर्धा के हिस्सों का था।

ज्योति का कहना है कि उनके पिता राम प्रकाश मिर्धा की 22 जुलाई 1993 को मृत्यु हो गई थी, उनके निधन के बाद पत्नी वीणा देवी संपत्ति की विरासत बनी रहीं। वीणा का भी कुछ समय पूर्व निधन हो गया। रामप्रकाश की दो बेटी ज्योति व हेमश्वेता हैं। ऐसे में पति संपत्ति पर दोनों पड़ोसियों का ही हक है। रामप्रकाश की मृत्यु से 6 माह पहले भानु प्रकाश ने जनवरी 1993 में राम प्रकाश मिर्धा और दो गवाहों के हस्ताक्षर युक्त अनापत्ति प्रमाण पत्र जोधपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी (तत्काल यूआईटी) में प्रस्तुत किया था, जो पूरी तरह से प्रमाणित था। ज्योति के अनुसार अनापत्ति प्रमाण पत्र पर राम प्रकाश मिर्धा के हस्ताक्षर किये गये।

ज्योति ने आरोप लगाया कि उच्च दुकान पर आसीन होने का लाभ कमाने के लिए इस काम को अंजाम दिया गया। इन दस्तावेजों के आधार पर फार्म हाउस की कृषि भूमि को आवासीय भूमि में परिवर्तित किया गया था। उनका जोधपुर आना बहुत कम होता है, इसलिए उन्हें इस फ़ोर्डवाडे की जानकारी 2018 के अंत में कोर्ट के सममेलन के दावे के दौरान हुई। जिससे बाद में कानूनी कार्रवाई शुरू हो गई। वर्ष 2018 में जोधपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी की ओर से भूमि परिवर्तन के लिए दिए गए आदेश अथॉरिटी के अध्यक्ष के समक्ष प्रस्तुत किए गए। जिस पर इस मार्च वर्ष में स्थिति दी गई।

इस एपिसोड में भानु प्रकाश मिर्धा के अलावा सोसायटी के अध्यक्ष भंवरलाल, एसोसिएट रेजिडेंट महेश चौधरी, जोधपुर रेजिडेंट पूर्व बेकर्स बेकरी खान की बेटी रुखसाना, कमला पत्नी हरिप्रसाद, अनिल चौधरी, उनकी पत्नी नंदा चौधरी, कमलेश चौधरी, पूर्व पर्यटन मंत्री उषा पूनिया, शिवानी बेटी विजय पूनिया, हिमानी बेटी विजय पूनिया, अनिल चौधरी और सब रेजिडेंट फर्स्ट (जोधपुर) को बेच दिया गया है।

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