राजस्थान: ट्रेन में सूरत ने कुतरा यात्री का सूटकेस, कंजूमर कोर्ट ने रेलवे को हर्जाना का दिया आदेश

जोधपुर। जिला उपभोक्ता विवाद परितोष आयोग द्वितीय ने ट्रेन में यात्रा के दौरान रेलवे पर पांच हजार रुपये का हर्जाना लगाया है। जोधपुर के सूर्यसागर निवासी महेंद्रसिंह कच्छावा ने डी आर एम, रेलवे, जोधपुर के खिलाफ आयोग में शिकायत दर्ज कराई कि दिनांक 2 जनवरी, 2013 को सूर्यनगरी एक्सप्रेस से जोधपुर की यात्रा के दौरान कोच में सही पेस्ट कंट्रोल नहीं हो पाया और गंदगी होने से बची। उसके सूटकेस कोविश्लेषणात्मक रूप से सम्मिलित कर दिया गया। इसकी याचिका ट्रेन से उतरते ही जोधपुर रेलवे स्टेशन पर भी दाखिल हुई थी।

रेलवे आयोग की बैठक में अपने जवाब में कहा गया कि कोच में गंदगी व चिकन होने से मना करने के साथ-साथ यह तर्क पेश किया गया कि सूटकेस के लिए अलग से कोई भी विज्ञापन नहीं किया गया था। साथ ही रेलवे यात्री के द्वारा बुक नहीं करवाया गया सामान की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार नहीं हैं। आयोग के अध्यक्ष डॉ. श्याम सुंदर लता, सदस्य डॉ. अनुराधा व्यास और आनंद सिंह लॅप की बेंच ने दोनों स्टार्स की सुनवाई के फैसले में कहा कि रेल-किराए में यात्री अपने साथ सामान ले जाने की सुविधा भी शामिल है, इस कारण रेलवे सामान सुरक्षा की जिम्मेदारी है।

कंपनी स्टेशन द्वारा दर्ज की गई शिकायत की वाणिज्यिक प्रबंधक द्वारा जांच कर इस पर सही माना गया कि गंदगी के लिए सफाई के लिए आवश्यक सामग्रियां भी निर्धारित की गई हैं। जिस कारण अब रेलवे को आयोग के समक्ष इस संबंध में मुकरने का अधिकार नहीं है। आयोग ने रेलवे की सेवाओं में कमी व दोष प्रमाण पत्र की कीमत 2790 रु. के लिए फिजिकल व साइकोलाजिकल उपकरणों के लिए पांच हजार तेंदुए की राशि का विज्ञापन करने का आदेश दिया।

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