जयपुर। जयपुर में एक जैन मंदिर के बाहर एक टोकरी में दस दिन का बच्चा मिला। बच्चों के साथ डॉक्युमेंट में चालीस हज़ार हार्डवेयर और सुपरमार्केट आदि भी थे। बच्चों को देखने में किसी सभ्रांत परिवार का लग रहा है, लेकिन चिंतकों का कहना है कि यह कोई अघुलनशील बीमारी है और संभावित इसलिए इसे इसी तरह छोड़ा गया है।
मंदिर में शाम को आरती चल रही थी, इसी दौरान बच्चे के रोने की आवाज आई तो लोगों ने बाहर आकर देखा। यहां एक खिलौने में बच्चा और यह अन्य सामान पड़े थे। बच्चे को देखकर कई लोग उसे गोद लेने के लिए भी तैयार हो गए।
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पुलिस को सूचना मिली तो उसे बच्चों के सरकारी अस्पताल में ले जाया गया। यहां बच्चे की जांच में पता चला कि उसे दिल से जुड़ी कोई बीमारी है और सिंड्रोम का नाम है इस बीमारी में बच्चे का मानसिक विकास कम होता है।
अस्पताल के डॉ. अशोक गुप्ता का कहना है कि बच्चा दस-बारह दिन का है और ऐसा लगता है कि बच्चे के माता-पिता को जब उसकी बीमारी के बारे में पता चला तो उन्होंने उसे इस तरह छोड़ दिया है। इलाज के लिए पैसा भी छोड़ा है। शिशु अस्पताल में ही भर्ती है।