जोधपुर, 8 सितम्बर। जोधपुर में लोक देवता बाबा का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। अलसुबह मसूरी मंदिर में मंगलाआरती हुई, जिसमें पुजारियों ने कोरोना से मुक्ति की कामना की। इसके बाद मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए। इस बार कोविड की तीसरी लहर की आपदा में फिर से नामांकन किया गया है। लेकिन रात तक बाबा के भक्तों का आना जारी रहा। वैसे पुलिस ने भक्तों के आने के किले को अब पूरी तरह से सील कर दिया है। मंदिर तक पहुंचने वाले लोग भी चौखट पर ही मंत के दर्शन बांध कर निकल रहे हैं। स्थानीय लोगों को भी दर्शन का लाभ नहीं हो पाता। मंगलाआरती का ऑनलाइन दर्शन हुआ। व्यापारी में भी कमोबेश यही स्थिति थी। मेला स्टैगन के बाद समर्थकों के आने का लगभग पूरा भुगतान किया गया।
बाबा के गुरु बालीनाथ गोसाईजी की समाधि स्थल जोधपुर के मसूरिया पहाड़ी मंदिर में सुबह मंगलाआरती का आयोजन किया गया। पाबंदियों की वजह से मंदिर में चुने गए पुजारी ही नजर आए। बाद में मंदिर के कपाट बंद कर दिये गये। कोविड की तीसरी लहर के खतरे से प्रशासन ने मेला विध्वंस कर रखा है। मंदिर प्रशासन ने अपनी व्यवस्था की वेबसाइट पर अलसुबह महाआरती के दर्शन का लाभ उठाया है। व्यापारी में भी मेला नहीं लगा। मसूरिया मंदिर के बाहरी गेट पर और आस-पास के मंदिरों पर पुलिस का पहरा लगा हुआ है और गेट भी बंद है। ऐसे में रात को भी जातरुओं को गेट पर ही मंत के तार बांध कर बांध दिया गया।
पिछले दो साल से इस मेले पर कोरोना संक्रमण पर पूर्ण प्रतिबंध लगा हुआ है। राजस्थान के अलावा मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार से जातरुओं के आने का सिलसिला हर महीने पहले ही शुरू हो जाता है। जातरू हजारों कोस पैदल यात्री बाबा के दर्शन के लिए आते हैं। मगर इस बार भी जिला प्रशासन के साथ मिलकर बिल्डरा मेला कमेटी ने भी कोविड की तीसरी लहर के खतरे में कुछ दिन पहले ही मेला का वर्गीकरण कर दिया था। बाहर से आने वाले जातरुओं को नाकों पर रोक के ऑर्डर भी जारी किए गए थे। तब से पुलिस ने नाकों पर मोर्चा संभाले रखा है और जातरुओं के आने पर रोक लगा दी है।