जोधपुर: प्राइवेट कंपनी के वॉलीबॉल कंपनी ने 26 लाख का कोयला लगाया, आधारकार्ड का पुतला बनाया

जोधपुर। एक्सएल वन स्टॉप सोल्युशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के कुछ कर्मचारियों ने 26 लाख की नकदी उड़ाई। कंपनी ने अपने दस कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज की है। ये कंपनी लोगों के लिए कनेक्टिविटी के जरिए सामान उपलब्ध कराती है। इस कंपनी में ज्यादातर हरियाणा, बिहार और उत्तर प्रदेश के लोग थे। घटना को लेकर शास्त्रीनगर स्टेशन में धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है, जिसकी जांच चल रही है।

शास्त्रीनगर के सुधीर पंकज राज मथुर ने बताया कि जोधपुर के पास एक्सल वन स्टाप सोल्युशन प्राइवेट लिमिटेड मोटरबाइक कंपनी है। कंपनी की ओर से संस्थानों से कनेक्टिविटी उत्पादकों को पैसे उपलब्ध कराए जाते हैं। इसके लिए ऑनलाइन कैसीनो आधार कार्ड और फ्रिंजर प्रिंट लें। पिछले कुछ दिनों में कंपनी के पोर्टफोलियो से नोट साफ हो रही थी। बाद में जांच में पता चला कि कंपनी में काम करने वाले स्टाफ ही इस कार्यस्थल को अंजाम दे रहे हैं।

ये लोग इंवेस्टमेंट द्वारा दिए गए आधार कार्ड एवं प्रिंट प्रिंट का डुरूपयोग कर से अलग-अलग निकाले जा रहे थे। बैंडों ने सामूहिक स्केच से पूरी तरह से 26 लाख से अधिक की कुल राशि निकाली है। किसी के खाते से 2 लाख, किसी के 13 लाख, किसी के सवा दो लाख आदि तरह की नकदी साफ हो जाती है। कंपनी की ओर से यहां काम करने वाले हरियाणा (जींद) के अनिल कुमार यादव समेत दस लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।

गुजराती फर्म ने स्थानीय व्यापारियों के करोड़ों रुपये बेचे

जोधपुर शहर के कमला नेहरू नगर में द्वितीय विस्तार में रहने वाले एक एक्सपोर्ट्स के माल का भुगतान अब तक नहीं जाने से उन्होंने गुजरात के दो लोगों पर गाबन का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज की है। इसमें 10 हजार 912 डॉलर का आरोप लगाया गया है। प्रतापनगर स्टेशन में इस इंजिनियरिंग केस को दर्ज किया गया है, जिस पर शोध चल रहा है। चौधरी सोमकरण ने बताया कि मोहम्मद अकरम पुत्र मोहम्मद असलम की तरफ से दर्ज की गई शिकायत में कहा गया है कि वह इंपोर्ट एक्सपोर्ट का काम करता है। कुछ अरसे पहले गुजरात में फर्म बनाने वाले मैसर्स हिराल ओवरसीज माल के लीप ब्लश भाई को एक्सपोर्ट किया गया था। जिसे बाद में दुबई भेज दिया गया। जिसके बदले में 10 हजार 912 अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ था। मगर उक्ति कर्ता और एक अन्य मनसुखलाल ने सामूहिक उक्ति कर्ता को संगीतबुर्द कर डाला।

बाद में पता चला कि ये लोग किराए से माल खरीदने के बाद इसी तरह नकदी का गबन कर लेते हैं। कई बार ताकीद करने के बाद भी नोट नहीं दिया गया। डॉलर की शुरुआती कीमत 7.42 लाख रुपये निर्धारित है। प्रतापनगर पुलिस ने धोखाधड़ी में केस दर्ज कर तफ्तीश शुरू की है।

Keep Up to Date with the Most Important News

By pressing the Subscribe button, you confirm that you have read and are agreeing to our Privacy Policy and Terms of Use