राजस्थान समाचार: पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) पर सोमवार को राजस्थान विधानसभा में तूफान आया। कांग्रेस ने इस मामले पर जवाब की मांग की, लेकिन स्पीकर ने ईआरसीपी पर चर्चा की जानकारी नहीं दी। जिसके बाद से नामांकन ने सूर्यास्त शुरू कर दिया।
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि इस विषय पर आज की कार्य सूची में कोई शामिल नहीं है, इसलिए इसकी मात्रा नहीं बतायी जा सकती।
असल, शून्यकाल के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने ईआरसीपी की हिस्सेदारी की मांग की, उन्होंने कहा कि सदन चल रहा है और ऐसे समय में राज्य सरकार ने ईआरसीपी एसोसिएटेड समझौता किया है। ऐसे में सरकार को इस मामले में जवाब देना चाहिए। इस बीच, सत्य पक्ष के कुछ सदस्यों और सहयोगियों ने यह उत्थापन पर वैयक्तिक संभावनाएं पैदा कीं। जो बात सत्य पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी हो गया।
बता दें कि ईआरसीपी की संयुक्त परियोजना रापट (डीपीआर) बनाने को लेकर रविवार को नई दिल्ली में केंद्र सरकार, राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकार के बीच निरपेक्ष त्रि समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।