पीटीआई
नई दिल्ली, 23 जनवरी
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को कहा कि पंजाब में मादक पदार्थों की तस्करी के दो मामलों की जांच के सिलसिले में धन शोधन रोधी कानून के तहत 7.90 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई है।
मनी लॉन्ड्रिंग का मामला पंजाब पुलिस द्वारा गुरदीप सिंह रानो और राजेश कुमार के खिलाफ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (एनडीपीएस) की विभिन्न धाराओं के तहत दायर अलग-अलग प्राथमिकी से उपजा है।
ईडी का मामला धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत दर्ज किया गया है।
कुर्क की गई संपत्तियों में गुरदीप सिंह रानो और उनके परिवार के सदस्यों की पंजाब में 16 अचल संपत्तियां (भूमि और भवन) और राजेश कुमार और उनके परिवार के सदस्यों की 11 अचल संपत्तियां शामिल हैं।
संघीय जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा, “संपत्ति में बैंक खातों में शेष राशि, नकदी और सोने के गहने जैसी चल संपत्ति भी शामिल है।”
ईडी ने पुलिस की प्राथमिकी का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि रानो के विदेश में रहने वाले संदिग्ध ड्रग तस्करों सिमरनजीत सिंह और तनवीर बेदी के साथ “संबंध” थे।
इसमें कहा गया है, ‘राजेश कुमार अपने द्वारा चलाए जा रहे मेडिकल स्टोर की आड़ में नशीला पदार्थ बेच रहा था।’
ईडी ने कहा कि दोनों मामलों में, “अधिकांश अचल संपत्तियां नकद में खरीदी गई थीं और आरोपी नकदी के स्रोत के समर्थन में कोई दस्तावेजी सबूत पेश करने में सक्षम नहीं थे।”
“जांच में पाया गया कि कुछ मामलों में, अचल संपत्तियों की खरीद के लिए अपराध की आय को कम करने के लिए ज्ञात व्यक्तियों के बैंक खातों में नकद जमा किया गया था,” यह कहा।
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