ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 1 सितंबर
सीबीआई कोर्ट ने पंजाब परिवहन विभाग के दो कर्मचारियों सरवन कुमार भाटिया और दमनदीप सिंह के खिलाफ पांच साल पहले दर्ज एक कथित भ्रष्टाचार मामले में आरोप तय किए हैं।
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13 (2) के साथ पठित धारा 7, 13 (1) (डी) और भारतीय दंड संहिता की धारा 120 के तहत दंडनीय अपराधों के लिए आरोप तय किए गए हैं।
लोक अभियोजक नरेंद्र सिंह ने आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने की दलील दी।
सरवन कुमार भाटिया विभाग में सहायक थे, जबकि दमनदीप सिंह संविदा पर कार्यरत थे। सीबीआई ने नयागांव निवासी कमल कुमार नाम के एक व्यक्ति की शिकायत पर 5 मई, 2017 को मामला दर्ज किया था।
कमल कुमार ने सीबीआई को बताया कि कार खरीदने के बाद वह 3 मई 2017 को पंजीकरण प्रमाण पत्र (आरसी) और अखिल भारतीय परमिट जारी करने के लिए पंजाब के परिवहन कार्यालय, सेक्टर 17, चंडीगढ़ का दौरा किया और सरवन कुमार भाटिया से मुलाकात की, सहायक, परिवहन कार्यालय, और अपनी फाइल जमा की।
कमल कुमार ने कहा कि उन्हें अपनी कार के लिए अखिल भारतीय परमिट प्राप्त करने के लिए दर-दर भटकना पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरवन कुमार भाटिया ने कुल शुल्क 16,000 रुपये और प्रतिदिन 50 रुपये विलंब शुल्क के जुर्माने की गणना की। उन्होंने कहा कि आगे की पूछताछ में उन्होंने पाया कि आरसी जारी करने के लिए वास्तविक शुल्क और अखिल भारतीय परमिट केवल 9,500 रुपये था।
उन्होंने कहा कि उन्होंने सरवन भाटिया से उनकी वित्तीय स्थिति का हवाला देते हुए अतिरिक्त शुल्क नहीं लेने का अनुरोध किया। सीबीआई ने जाल बिछाकर आरोपी को 18,300 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई ने दावा किया कि भाटिया आवेदकों से नकद में शुल्क प्राप्त करने के हकदार नहीं थे। आवेदक शुल्क ऑनलाइन जमा कर सकते हैं तथा सरवन का कार्य ऑनलाइन भुगतान की रसीद के साथ आवेदक की फाइल को अग्रसारित करना था।
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