ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
अदिति टंडन
नई दिल्ली, 31 अगस्त
बठिंडा के सांसद हरसिमरत बादल जल्द ही मंत्री पद का बंगला खाली कर देंगे, वह और उनके पति और शिअद प्रमुख सुखबीर बादल 1998 से रह रहे हैं, जब उन्हें सांसद और मंत्री के रूप में घर आवंटित किया गया था।
आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने हाल ही में हरसिमरत को एक पत्र में सूचित किया था कि उन्हें 12 सफदरजंग रोड टाइप VIII बंगले के बदले लोदी एस्टेट में टाइप VI का एक और जनरल-पूल बंगला आवंटित किया जा रहा था, जिसमें वह एक केंद्रीय मंत्री के रूप में रह रही थीं। विवादास्पद कृषि कानूनों को लेकर सत्तारूढ़ एनडीए से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने 2020 में इस्तीफा दे दिया।
सूत्रों ने कहा कि हरसिमरत को लोदी एस्टेट हाउस का तकनीकी कब्जा मंगलवार को दिया गया था और बंगला अभी मरम्मत का काम चल रहा है।
एक बार घर तैयार हो जाने के बाद, सांसद अपना 12 सफदरजंग रोड वाला घर खाली कर देंगी, जिसमें परिवार लगभग 25 वर्षों से रह रहा है।
हरसिमरत को बंगले का फिर से आवंटन सरकार के मंत्रियों के कार्यकाल की समाप्ति या उनके निधन के बाद मंत्री बंगले खाली कराने के चल रहे कार्य का हिस्सा है।
इससे पहले सरकार ने दिवंगत मंत्री रामविलास पासवान के कब्जे वाले जनपथ रोड बंगले को खाली करा दिया था।
हरसिमरत को आवंटित लोदी एस्टेट हाउस पर कांग्रेस की सांसद रानी नारा का कब्जा था। उन्हें घर खाली कराने के लिए बेदखली का नोटिस दिया गया था, जिसके बाद तकनीकी आधार पर बंगला हरसिमरत को सौंप दिया गया था।
तकनीकी कब्जे का मतलब है कि केंद्रीय लोक निर्माण विभाग द्वारा इसकी मरम्मत और नवीनीकरण के पूरा होने के बाद घर पर कब्जा कर लिया जाएगा।
सफदरजंग रोड आवास पूर्व एनडीए और यूपीए सरकारों द्वारा सुरक्षा कारणों से बादल को आवंटित किया गया था।
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