ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
नई दिल्ली, 15 जुलाई
कभी सिख अलगाववादी आंदोलन के समर्थक रहे और कनाडा के व्यवसायी रिपुदमन सिंह मलिक की गुरुवार सुबह कनाडा के सरे में उनके परिधान की दुकान के बाहर हत्या कर दी गई।
मलिक और उनके बब्बर खालसा के सहयोगी अजायब सिंह बागरी को 2005 में एयर इंडिया कनिष्क बम विस्फोट मामले में 2005 में बरी कर दिया गया था।
मलिक की अज्ञात नकाबपोश हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी, जब वह अपनी टेस्ला कार को अपने व्यवसाय के बाहर पार्क करके बाहर आ रहे थे।
मलिक ने हाल ही में भारत का दौरा किया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उनके सिख पहुंच के लिए प्रशंसा की थी।
उनका यह दौरा तब संभव हुआ जब यहां की सरकार ने उनका नाम ब्लैक लिस्ट से हटा दिया।
मलिक 70 के दशक के मध्य में थे और कनाडा में पहले खालसा स्कूल और खालसा क्रेडिट यूनियन बैंक के संस्थापक थे।
उन्होंने सतनाम ट्रस्ट की भी स्थापना की।
जहां कनाडा के समयानुसार सुबह 9.30 बजे से ठीक पहले मलिक को गोली मारी गई थी, वहां से कुछ दूर एक जली हुई गाड़ी मिली।
ब्रिटिश कोलंबिया स्थित पत्रकार कुलदीप सिंह ने द ट्रिब्यून को बताया कि मलिक सिटी एबॉट्सफोर्ड में खालसा कॉलेज खोलने की प्रक्रिया में थे और उन्होंने इस उद्देश्य के लिए वहां 13 एकड़ जमीन खरीदी थी।
सिंह ने कहा, “उन्हें बहुत करीब से गोली मारी गई थी,” मलिक का परिवार सदमे में था।
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