ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 1 मई
पंजाब पुलिस के एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) ने रविवार को बठिंडा से जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और कनाडा के गोल्डी बरार के तीन करीबी सहयोगियों को गिरफ्तार किया।
आरोपियों की पहचान ग्राम चारेवां निवासी लवप्रीत सिंह उर्फ सचिन, गांव झोरार के हिम्मतवीर सिंह गिल और श्री मुक्तसर साहिब के गांव चक दुखे वाला के बलकरण उर्फ विक्की के रूप में हुई है.
पुलिस ने उनके कब्जे से दो .30-कैलिबर पिस्तौल, दो .32-कैलिबर पिस्तौल, 20 कारतूस और एक सफेद i20 कार भी बरामद की है।
गौरतलब है कि पंजाब सरकार ने गैंगस्टरों के खिलाफ कार्रवाई तेज करने के लिए हाल ही में डीजीपी वीके भवरा की देखरेख में एडीजीपी प्रमोद बान की अध्यक्षता में एक एजीटीएफ का गठन किया है।
डीआईजी एजीटीएफ गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने जानकारी देते हुए कहा कि विश्वसनीय इनपुट के बाद, बठिंडा की एक एजीटीएफ टीम ने आरोपी को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है, जो मालवा क्षेत्र के एक प्रमुख व्यवसायी पर हमला करने की योजना बना रहा था ताकि उससे पैसे की उगाही की जा सके।
उन्होंने कहा, “उनकी गिरफ्तारी से एक सनसनीखेज अपराध टल गया है।”
भुल्लर ने कहा कि तीनों आरोपियों की आपराधिक पृष्ठभूमि है, जबकि सचिन और हिम्मतवीर पड़ोसी राज्यों पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में मादक पदार्थों की तस्करी और अवैध हथियारों की तस्करी में शामिल थे। उन्होंने कहा कि वे दूसरे राज्यों से गिरोह के लिए हथियार खरीदते थे और लक्ष्य हत्याओं के लिए अपने सहयोगियों को देते थे।
डीआईजी ने कहा कि बरार और लॉरेंस के छोटे भाई अनमोल बिश्नोई के निर्देश पर वे कथित तौर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के फरार गैंगस्टरों को ठिकाने मुहैया करा रहे थे.
उन्होंने कहा, “हाल ही में दिल्ली की स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलिजेंस यूनिट ने एक वांछित गैंगस्टर शारुख को गिरफ्तार किया है, जिसे सचिन और उसके साथियों ने पंजाब में ठिकाना मुहैया कराया था।”
इस बीच सिविल लाइन, बठिंडा के थाना में आर्म्स एक्ट की धारा 25 (7) और (8) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है और आगे की जांच जारी है.
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