ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 13 नवंबर
पंजाब सरकार ने राज्य में औद्योगिक विकास को सुगम बनाने के उद्देश्य से अनुमेय क्षेत्रों में हरे, नारंगी और लाल श्रेणी के उद्योगों की स्थापना के लिए भूमि उपयोग परिवर्तन (सीएलयू) की अनुमति प्राप्त करने के प्रावधान को हटा दिया है।
आवास एवं शहरी विकास मंत्री सुखबिंदर सिंह सरकारिया ने कहा कि पहले उद्योगपतियों को विभाग से सीएलयू प्राप्त करना होता था और फिर भवन योजना को मंजूरी देनी होती थी.
प्रक्रिया बोझिल और समय लेने वाली थी। सीएलयू प्राप्त करने से छूट उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित करेगी। मंत्री ने कहा कि अब उद्योगपति सीधे विभाग से अपने भवन निर्माण की स्वीकृति प्राप्त कर सकते हैं।
सरकारिया ने कहा कि हालांकि, भवन योजनाओं की मंजूरी उद्योगों और विभाग के भवन उपनियमों के लिए दिशा-निर्देशों की पूर्ति के अधीन होगी, जिसका आवेदकों को पालन करना होगा, सरकारिया ने कहा।
विभिन्न औद्योगिक संघ लंबे समय से उद्योग स्थापित करने की प्रक्रिया को आसान बनाने और सिंगल-स्टेप क्लीयरेंस की मांग कर रहे थे। इन संघों का विचार था कि राज्य में उद्योग स्थापित करने के इच्छुक कई उद्यमी हैं लेकिन अनुमोदन प्राप्त करने की लंबी प्रक्रिया उन्हें हतोत्साहित कर रही है।
More Stories
बैरागढ़ में एक भी रैन बसेरा नहीं, ठंड में ठिठुरने को मजबूर गरीब वबेसहारा, अपावा की राहत भी नहीं
हेमंत नेता चुने गए, 28 को शपथ लेंगे
छत्तीसगढ़ पुलिस महकमे में बड़ा फेरबदल, 20 आरक्षकों का तबादला, जानिए किसे कहां मिली पोस्टिंग