किसान आंदोलन का असर, फ़्लाइट का सामान स्काई स्काई पर उतारा गया

चंडीगढ़. किसान आंदोलन का असर हर तरह से देखने को मिल रहा है। अस्त-व्यस्त पर्वतीय जलवायु और भारी जाम से बचने के लिए लोग ट्रेन और उड़ान का रुख कर रहे हैं, लेकिन इसके लिए लोगों को अपनी जेब से सलाह लेनी पड़ रही है।

किसान आंदोलन के कारण सड़क का यातायात बहुत प्रभावित हुआ है। हवाई यात्रा करने वालों को किराये पर मोटी रकम चुकानी पड़ रही है। चंडीगढ़ से दिल्ली फ़्लाइट का शोरूम 30 हज़ार रुपये (फ़्लाइट टिकट का किराया बढ़ा) तक पहुँच गया है। जबकि आम दिनों में यह तीन हजार रुपये होता है। मंगलवार को दोपहर 12 बजे से शुरू हुआ फ्लैट का बिजनेस 16 हजार रुपये में शुरू हो रहा है।

आंदोलन के कारण लोग टैक्सी और कार का सफर करने से बच रहे हैं और जो यह सफर कर रहे हैं तो उन्हें बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। भारी जाम के कारण कांटो घाट रोड पर जाम लग रहा है। रोड के बाद अब ट्रेन और फ्लाइट ही दूसरा विकल्प बचा था, लेकिन ट्रेन पहले से ही फुल हैं। ये जगह ही नहीं है।

वंदे भारत, सदी सहित दिल्ली को जाने वाली सभी ट्रेन फुल है। लंबी वेटिंग है। फ्लाइट में जाने के लिए अब लगभग सभी के बस का किराया चुकाना होगा। ऐसा भी हो रहा है कि क्योंकि ट्रेन और फ्लाइट ही अब विकल्प बचे हैं।

भाईचारा हुआ बंद

किसान आंदोलन के कारण ही हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों के चंडीगढ़ से लेकर दिल्ली के बीच चलने वाली आबादी बंद हो गई है। यूसी के ही परिवार चल रहे हैं, जिससे यात्रियों को बेहद परेशानी हो रही है।

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