पर प्रकाश डाला गया
- डॉक्टर्स की हड़ताल से कई मरीज़ों के ऑपरेशन की कहानी सामने आई
- कोलकाता की घटना के विरोध में डॉक्टरों की टोली है
- गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन व जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन, अधिसूचना जारी
नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से धोखाधड़ी और हत्या के मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर उच्च न्यायालय में वकीलों की हड़ताल पर रुख अख्तियार किया गया है।
हड़ताल को चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार को उच्च न्यायालय ने सवाल उठाया कि पूर्व में नीचे दिए गए स्पष्ट आदेश के बावजूद अदालत की मंजूरी भोपाल में नहीं है। डॉ हड़ताल पर क्यों गए हैं? अभिनय मुख्य न्यायाधीश जूनियर सचदेवा एवं कांत विनय सराफ की मित्र पीठ ने स्वास्थ्य विभाग के मुख्य सचिव, गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन एवं डॉक्टर्स एसोसिएशन, जीएमसी भोपाल को अधिसूचना जारी कर इस बारे में उत्तर मांगा है।
कोर्ट ने कहा कि व्हाट्सएप, ईमेल के जरिए से अचानक नोटिस भेजा जाए। मामले पर शनिवार को पुन: सुनवाई होगी। अविश्वासी नरसिंहपुर निवासी अस्सल तिवारी ने ईसाइयों की हड़ताल को उच्च न्यायालय में चुनौती दी है।
ऑफर की ओर से दिग्गज प्राइम मिनिस्टर संजय अग्रवाल और अभिषेक पैजेल ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 में भी इसी विषय को लेकर शिलालेखों की खुदाई की गई थी। हाई कोर्ट ने इन मामलों में स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि बिना डॉक्टर की छुट्टी के कोई भी सामान नहीं ले सकता। कोर्ट ने यह भी कहा कि कोर्ट के लिए टोकन स्ट्राइक जरूरी है। इसके बावजूद पूरे प्रदेश में डॉक्टर हड़ताल पर जा रहे हैं, जिससे चिकित्सा व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो रही है।
कोलकाता की घटना के बाद देशव्यापी विरोध प्रदर्शन
असल, कोलकाता में आठ अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर की हत्या के बाद विरोध प्रदर्शन में अराजक तत्वों का विरोध प्रदर्शन जारी है। भोपाल, जबलपुर में भी पार्टनरशिप का फैसला लिया गया है। निजी निजीकरण में व्यावसायिक व्यवसायिक चालू गोदाम। भोपाल में एम्स के बाद हमीदिया अस्पताल के जूनियर वकीलों ने गुरुवार रात 12 बजे से काम बंद कर दिया।
इंदौर में भी जूनियर डॉक्टर केश ही देख रहे हैं। हड़ताल की वजह से ज्यादातर सरकारी बैंकों में स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ा है। इलाज के लिए बकवास की लत लग रही है। नहीं मिला इंडोनेशियाई टेस्ट.