कुमार इंदर, जबलपुर। उच्च न्यायालय ने एमपी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को तालाब बनाया है। हार्ट कोर्ट ने ट्रांसपोर्ट कमिश्नर से पूछा है कि मोटर वाहन अधिनियम के अभियोजकों का जनता से पालन सुनिश्चित क्यों नहीं कराया जा रहा है। कोर्ट ने उन्हें आज अपॉइंटमेंट के लिए निर्देश दिए हैं।
दरअसल, जुलाई में सुनवाई के दौरान राज्य शासन ने जारी किया था कि 6 महीने में हर गाड़ी पर एक नंबर प्लेट, वॉलेट और सीट बेल्ट अनिवार्य कर दिया जाएगा। सरकार ने टाइमलाइन दी थी कि 15 जनवरी 2024 के बाद अगर एक भी वाहन चालक का उल्लंघन होता है तो ट्रांसपोर्ट कमिश्नर और एडीशनल इंस्पेक्टर जनरल एएफ पुलिस अधिकारियों की कार्रवाई के लिए जिम्मेदारी होगी।
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मंगलवार को इस मामले की सुनवाई हुई, जिसमें राज्य शासन की ओर से पालन-प्रतिवेदन पेश किया गया और पूर्ण-पालन के लिए अतिरिक्त मोहलत दी गई। जिसे कोर्ट ने कर दिया। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ की लोधी वाली बेंच ने अतिरिक्त महाधिवक्ता से पूछा कि वह परिवहन आयुक्त को स्वयं पेश करें या फिर परमिट जारी करें। इस पर अतिरिक्त महाधिवक्ता ने रविवार को ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को हजम की अनुमति दी।
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