मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा किसानों की कर्जमाफी के लिए अपनाई जा रही प्रक्रिया पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस योजना से लोकसभा चुनाव में फायदा उठाना चाहती है और इसके लिए वह किसानों से छलावा कर रही है.
शिवराज ने बुधवार को ट्वीट किया, ‘सरकार के पास कर्जमाफी के अंतर्गत आने वाले सभी किसानों का रिकॉर्ड है. इधर-उधर की बात करने के बजाए सरकार को किसानों के बैंक खातों में सीधे कर्जमाफी की रकम डालनी चाहिए और प्रमाण-पत्र जारी करना चाहिए. यह एक छलावा है और ज्यादा चलने वाला नहीं है.’
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उन्होंने कहा, ‘अब कांग्रेस सरकार किसान कर्जमाफी के लिए फॉर्म भरवाना चाहती है, किसानों का कीमती समय बबार्द करना चाहती है. इस नए नाटक से किसान को परेशान करना और इस पूरी प्रक्रिया को विलंबित कर लोकसभा चुनाव में इसका फायदा उठाने की कोशिश करने के अलावा कोई तर्क नजर नहीं आ रहा है.’
उल्लेखनीय है कि राज्य की कमलनाथ सरकार ने मंगलवार को ‘जय किसान ऋण मुक्त योजना’ शुरू की है. इस योजना के तहत किसानों के दो लाख रुपये तक के कर्ज माफ किए जाने हैं. इससे राज्य के 55 लाख किसानों के लाभान्वित होने का दावा किया गया है. योजना से 50 हजार करोड़ रुपये के फसल ऋण माफ होंगे.
किसान कर्जमाफी योजना के तहत किसानों के लिए तीन रंग में आवेदन जारी किए गए हैं, सूची दो रंगों की है. जिन किसानों के बैंक खाते आधार कार्ड से जुड़े हैं, उनकी सूची हरे रंग की है, जिनके खाते आधार से नहीं जुड़े हैं, उनकी सूची सफेद रंग की है. इसलिए जिस रंग की सूची में किसान का नाम है, उसे उसी रंग का फॉर्म भरना है. जिन किसानों के नाम दोनों सूची में नहीं हैं, उन्हें गुलाबी रंग का फॉर्म भरना होगा. पूर्व मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जब सरकार के पास रिकार्ड है तो उसे किसानों की कर्जमाफी की रकम बैंक खातों में जमाकर प्रमाण पत्र जारी करना चाहिए.
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