दीपावली का पांच दिवसीय पर्व कल धनतेरस के साथ शुरू होगा। इस बार दो दिन अमावस्या तिथि होने के कारण दीपावली का पूजन मुहूर्त 10 घंटे 24 मिनट तक रहेगा। जो 14 नवंबर की दोपहर 1:26 बजे से शुरू होगा। दीपोत्सव पर्व पूजन अमावस्या की काली रात को होता है इसीलिए मां लक्ष्मी का पूजन 14 नवंबर को किया जाएगा। धनतेरस के दिन से दीवाली का त्योहार शुरू हो जाता है। उसके बाद नरक चतुर्दशी को यम के नाम का दीपक जलाने की परंपरा है। उसके अगले दिन कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को दीवाली का त्योहार मनाया जाता है। हर बार अमावस्या के दिन लक्ष्मी पूजन किया जाता है, लेकिन इस बार छोटी दीवाली और बड़ी दीवाली एक ही दिन पड़ रही है।
ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ दुबे ने बताया कि इस बार दान और स्नान की अमावस्या 15 नवंबर को है। लेकिन दीवाली पर लक्ष्मी पूजन 14 नवंबर को ही किया जाएगा। 12 नवंबर को शाम 6:06 बजे तक द्वादशी तिथि रहेगी इसके बाद त्रयोदशी (धनतेरस की तिथि) का प्रारंभ होगा। धनतेरस 13 नवंबर की दोपहर 3:48 बजे तक रहेगी। उसके बाद चतुर्दशी तिथि शुरू होगी जो 14 नवंबर को दोपहर 1:26 बजे तक रहेगी। उसके बाद अमावस्या शुरू हो जाएगी जो 15 नवंबर को सुबह 11 बजकर 50 मिनट तक रहेगी।दोनों दीवाली की तिथि एक ही दिन पड़ने के कारण और शनि एवं गुरु ग्रह के अपनी ही राशि में होने के कारण शुभ संयोग का निर्माण हो रहा है। जिससे आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और धन-धान्य की कोई कमी नहीं रहेगी।
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