फॉर्म में पहले के मुकाबले अब ज्यादा जानकारी दर्ज करनी होगी। पहले इस फॉर्म में 11 कॉलम थे जिसे बढ़ाकर 20 कर दिया गया है। अब सप्लाई के एक-एक बिल (इनवॉइस) से लेकर कई छोटी जानकारियां भी देनी होंगी। माना जा रहा है कि जीएसटी काउंसिल ने इन बदलावों से अब इनपुट टैक्स क्रेडिट का फर्जीवाड़ा या बोगस बिलों या फर्मों के माध्यम से गड़बड़ी रोकने के सारे प्रबंध कर दिए हैं।
तीन दिन पहले ही जीएसटी 2ए फॉर्म का संशोधित प्रारूप जारी किया गया है। सीए भरत नीमा के अनुसार इस फॉर्म में बढ़ाए गए कॉलमों में इनवॉइस की जानकारी विस्तार से दर्ज होगी। जीएसटीआर-1 से एक्सपोर्ट की एंट्री भी 2ए फॉर्म में दिखाई जाएगी। एक्सपोर्ट की ऐसी सारी जानकारी कस्टम डिपार्टमेंट द्वारा दर्ज की जाएगी। नए 2ए फॉर्म में सप्लायर ने 3बी रिटर्न फॉर्म जमा किया या नहीं, इसकी जानकारी भी देखी जा सकेगी। और तो और, किसी का यदि जीएसटी पंजीयन निरस्त होता है तो वह भी इसमें नजर आ जाएगा। आयातक की आइटीसी भी इस फॉर्म में नजर आएगी।
इस तरह जीएसटी काउंसिल ने सिस्टम के उन लूप होल पर रोक लगा दी है जिनके जरिए आइटीसी की गड़बड़ी की शिकायतें मिल रही थीं। जीएसटी 3बी में सितंबर में जो निगेटिव फिगर स्वीकार कर गलती सुधारने की घोषणा हुई थी, वह तक अमल नहीं हो सकी है। 3बी फॉर्म में पोर्टल अब तक निगेटिव फिगर स्वीकार नहीं कर रहा है। 20 अक्टूबर गलती सुधारने की आखिरी तारीख है। कारोबारियों के हाथ से त्रुटि सुधार का मौका भी निकलता नजर आ रहा है।
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