मध्यप्रदेश की ‘मोहन सरकार’ ने 12 मार्च को विधानसभा में अपना दूसरा बजट पेश किया। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने चार लाख करोड़ से अधिक का बजट पेश करते हुए राज्य की आर्थिक विकास योजनाओं का खाका रखा। यह बजट प्रदेश की महिलाओं, किसानों, युवाओं और औद्योगिक विकास को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
लाड़ली बहनों को ‘अटल पेंशन’
इस बजट में लाड़ली बहना योजना की लाभार्थियों को केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और अटल पेंशन योजना से जोड़ने की घोषणा की गई। इसके साथ ही प्रदेश के बुजुर्गों के लिए तीर्थयात्रा योजना में पचास करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया, जिससे वे विभिन्न धार्मिक स्थलों की यात्रा कर सकें।
10,000 नए स्टार्टअप स्थापित करने का लक्ष्य
वित्त मंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने के लिए 2025-2026 का बजट 15 प्रतिशत बढ़ाया गया है। सरकार का लक्ष्य राज्य के सकल घरेलू उत्पाद को 250 लाख करोड़ तक पहुंचाना है। औद्योगिक विकास और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार की ओर से कई योजनाओं की घोषणा की गई, जिनमें स्टार्टअप नीति 2025 के तहत 10,000 नए स्टार्टअप स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया। इसके अलावा, उद्योगों को 3,250 करोड़ रुपये की सहायता दी जाएगी, जो पिछले वर्ष की तुलना में 551 करोड़ रुपये अधिक है। इसके तहत प्रदेश में 39 नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे, जिनसे तीन लाख से अधिक रोजगार सृजित होने की उम्मीद है।
डिजिटल यूनिवर्सिटी की स्थापना
प्रदेश के युवाओं के लिए डिजिटल यूनिवर्सिटी और राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी। आगामी पांच वर्षों में उद्योगों को लगभग 30 हजार करोड़ रुपये के इंसेंटिव दिए जाएंगे, जिससे प्रदेश में निवेश को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए 22 नए छात्रावास बनाए जाएंगे, जिससे पिछड़ी जातियों और अनुसूचित जनजाति के छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल सके
किसान फसल बीमा योजना के लिए 2000 करोड़ रुपये
कृषि क्षेत्र को मजबूती देने के लिए किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गईं। प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना के तहत किसानों को सौर ऊर्जा से जोड़ने की योजना बनाई गई। इसके अलावा, किसान फसल बीमा योजना के लिए 2000 करोड़ रुपये, धान उपार्जन के लिए 850 करोड़ रुपये और किसानों को सौर ऊर्जा का लाभ देने के लिए 447 करोड़ रुपये की सहायता की घोषणा की गई।
गृह विभाग को 12,876 करोड़ रुपये का बजट
परिवहन और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में भी सरकार ने बड़े फैसले लिए। मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा के तहत ग्रामीण नागरिकों को सस्ता और सुलभ परिवहन उपलब्ध कराने के लिए 20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। गृह विभाग को 12,876 करोड़ रुपये का बजट दिया गया, वहीं जेल विभाग के लिए 794 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। खाद्यान्न योजना के लिए 7,132 करोड़ रुपये और श्रम विभाग के लिए 1,808 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया। आकांक्षा योजना के लिए 20.52 करोड़ रुपये और पिछड़े वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण के लिए 1,086 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया।
जनजातीय वर्ग के 50 विद्यार्थियों को विदेश में पढ़ाई
जनजातीय विकास और शिक्षा पर विशेष जोर देते हुए बजट में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गईं। अनुसूचित जनजातीय वर्ग के 50 विद्यार्थियों को विदेश में पढ़ाई के लिए भेजने की योजना बनाई गई। जनजातीय बहुल 11,300 से अधिक गांवों के कायाकल्प के लिए विशेष बजट आवंटित किया गया। सीएम राइज स्कूलों के लिए 1,017 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। वहीं, प्रदेशभर में आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण और उनके बुनियादी ढांचे को सुधारने के लिए 350 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया।
गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) जीवन यापन करने वाले परिवारों के लिए भी सरकार ने विशेष योजनाएं पेश कीं। पिछड़े वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण के लिए 1,086 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया। इसके अलावा, विशेष पिछड़ी जातियों के लिए 53,000 से अधिक आवास बनाए गए हैं और 22 नए छात्रावास बनाए जाने की योजना है।